दीया तले अंधेरा! स्वास्थ्य विभाग के आंगन में पल रहा डेंगू

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04HREG342 दीया तले अंधेरा! स्वास्थ्य विभाग के आंगन में पल रहा डेंगू

मीरजापुर, 04 नवम्बर (हि.स.)। डेंगू का कहर! इंसान के अलावा अस्पताल भी डेंगू के डंक से अछूता नहीं है। यहां हर रोज बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। डेंगू के नाम पर दूसरे को नसीहत देने वाले खुद कितने सजग हैं, इसकी बानगी स्वास्थ्य विभाग में देखने को मिल रही है। दीया तले अंधेरा की कहावत यहां सत्य हो रही है। मंडलीय अस्पताल में आने वाले डेंगू मरीज के लिए बेड के अलावा कोई सुविधा या व्यवस्था नहीं है। यहां तक प्लेटलेट्स की भी सुविधा नहीं है। इससे मरीज वाराणसी या प्रयागराज जाने को मजबूर हैं।

डेंगू के प्रकोप ने लोगों के लिए दोहरी परेशानी पैदा कर दी है। वहीं अस्पताल प्रबंधन संसाधनों की संतुलन बनाने की चुनौतियों से जूझ रहा है। वहीं अब तक किए गए तमाम सरकारी और प्रशासनिक दावा हवाई होता दिख रहा है। हैरानी की बात यह है कि कोरोना संक्रमण की दोहरी मार के बाद भी स्वास्थ्य विभाग खामोश है और लोग डेंगू के साए में जी रहे हैं। डेंगू के प्रकोप से मरीजों में मच्छरों का भय बना हुआ है। कुछ वर्षों से डेंगू के प्रभाव के बाद भी आमतौर पर मच्छरदानी का उपयोग न करने वाले ज्यादातर लोग अपने घरों में भी उसके उपयोग को प्राथमिकता देने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जिलाधिकारी ने शनिवार को खुद पकड़ी। अस्पताल का दूसरा मंजिल गंदगी से पटा मिला। जबकि दो दिन पूर्व ही जिलाधिकारी ने सफाई का निर्देश दिया था। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही व मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब जिलाधिकारी के आदेश का कोई अनुपालन नहीं किया जा रहा है तो आम मरीजों की कोई क्या सुनेगा!

मरीजों का आरोप, कोई सुविधा नहीं

एक मरीज ने बताया कि यहां पर कोई सुविधा नहीं है। जो है भी, वह नाकाफी है। इससे अच्छा तो निजी चिकित्सालय में ही इलाज करा लें तो बेहतर होगा। निजी चिकित्सालय में भले ही रुपया अधिक लगता है, लेकिन सुविधा तो मिलती है।

रिपोर्ट मिलना तो दूर जांच कराना भी टेढ़ी खीर

अस्पताल में डेंगू सहित अन्य रोगों की जांच कराने वाले मरीजों को दो से तीन दिन में रिपोर्ट मिलती है। वहीं एक्स-रे रिपोर्ट भी देर से मिल रही है। रिपोर्ट तो दूर जांच या एक्स-रे कराना भी टेढ़ी खीर है। यहां तक कि एक्स-रे कार्यालय भी देर से खुलता है। मरीजों को घंटों इंतजार के बाद उनकी बारी आती है।