वट अमावस्या के दिन सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए वटवृक्ष को पूजा

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19HREG29 वट अमावस्या के दिन सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए वटवृक्ष को पूजा

ऋषिकेश, 19 मई (हि.स.)। वट अमावस्या के दिन तीर्थ नगरी ऋषिकेश में महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रखकर वट वृक्ष (बरगद) की पूजा अर्चना की और अपने पति की दीर्घायु की कामना की।

शुक्रवार की सुबह त्रिवेणी घाट स्थित प्राचीनतम वटवृक्ष स्थल पर पूजा के लिए सुहागिनों का दिनभर तांता लगा रहा। सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा कर उसमें मोली बांधी और पति की दीर्घायु की कामना की।

दरअसल, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट अमावस भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं श्रृंगार कर वट वृक्ष की पूजा करने करती हैं। पौराणिक मानयताओं के अनुसार सुहागन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए सावित्री के रखे गए व्रत के समान व्रत रखती हैं। महिलाएं सावित्री और सत्यवान की कहानी का श्रवण करती हैं।