इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति की एनसीपीसीआर अध्यक्ष कानूनगो को दी गई खुली चुनौती

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31HREG418 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति की एनसीपीसीआर अध्यक्ष कानूनगो को दी गई खुली चुनौती

– धर्मांतरण के आरोप पर कुलपति बोले – हिम्मत हो तो नाम बताएं

– राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने अमरकंटक प्रवास पर इंगाराजवि के प्रोफेसरों पर धर्मांतरण कराने का लगाया था आरोप

अनूपपुर, 31 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के धर्मांतरण के आरोपों को चैलेंज देते आज बुधवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के पास कोई भी सबूत हो तो विश्वविद्यालय के सामने रखें। हम पुलिस को कहकर जांच कर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने उक्त बातें मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कही हैं ।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार एक जून से होना है । यूथ 20 कंसल्टेशन युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित क्लाइमेट चेंज डिजास्टर रिस्क रिडक्शन, सस्टनेबिलिटी एवं ऑफ लाइफ विषय पर होगी। इसकी जानकारी देने के लिए एसके तिवारी डायरेक्टर पीआईबी एवं विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रकाश मणि त्रिपाठी ने पत्रकारों को आमंत्रित किया था। यहां विवि में धर्मांतरण के संबंध में जब पत्रकारों द्वारा पूछा गया तो कुलपति ने इसके सबूत दिखाने की बात कही और हिम्मत हो कहते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को सीधे चुनौती दी कि यदि उनके पास कोई नाम या इस मामले में कागज हों तो वे दिखाएं। कुलपति का कहना है कि ऐसा कुछ विश्वविद्यालय में नहीं चल रहा, यह सब झूठी अफवाहें और भ्रम फैलाए जा रहे हैं।

बाल आयोग के अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों पर लगाए थे आरोप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो 26 मई को जिले के अमरकंटक में सर्किट हाउस सभागार में बाल संरक्षण की शिविर लगाकर बाल अधिकारों के हनन व संरक्षण के संबंध में शिकायत की सुनवाई की थी। उसी बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि भ्रमण के दौरान हमें नाम न बताने की शर्त पर कुछ स्थानीय लोगों ने धर्मांतरण से जुड़ी शिकायत की हैं, जो जांच का विषय है। उन्होंने कहा था कि अमरकंटक से (पेंड्रा) छत्तीसगढ़ ले जाकर धर्मांतरण कराया जाता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त होना जो बच्चों को उनके पहचान के अधिकार से विमुक्त करती है। हम सब इन बातों का संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करेंगे।

कुलपति ने कहा हिम्मत है तो नाम बताइए

विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चैलेंज करते हुए कहा कि पहले भी एक लड़के के द्वारा धर्मांतरण आरोप लगाए गए थे। उसकी जांच हुई उसमें कितनी सत्यता है। यह सब आपके सामने है। धर्मांतरण कौन कराता है एक विशेष समुदाय, आरोप किस पर लग रहे हैं। प्रोफेसर पर। जो आरोप लगे हैं, उस पर आप हिम्मत तो करिए, नाम तो बताइए। विश्वविद्यालय धर्मांतरण नहीं कराता।

प्रोफेसर पर आक्षेप हैं, तो नाम बताइए, जो आरोप लग रहे हैं, नाम के साथ हों। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगे प्रमाण के साथ लगे। विश्वविद्यालय को इसकी जानकारी होनी चाहिए। जानकारी होगी तो अवश्य ही विश्वविद्यालय जांच कर कार्रवाई करेगा। विश्वविद्यालय धर्मांतरण नहीं कराता, आरोप प्रोफेसर पर हैं। बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति की सूचना हैं, वह स्वयं इसकी जांच कर कार्रवाई करें।