10HNAT1 ताईजी के रूप में भी जानी जाती थीं सुशीला बलूनी
देहरादून, 09 मई (हि.स.)। उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण आंदोलन में सुशीला बलूनी की अहम भूमिका रही। सुशीला बलूनी अपनी सामाजिक, राजनीतिक यात्रा में राज्य से जुड़े विषयों को लेकर प्रमुखता से मुखर रहीं। उनकी छवि एक जुझारू, संघर्षशील और ईमानदार महिला नेत्री की रही है। उत्तराखंड में ताईजी के रूप में भी उन्हें जाना जाता रहा है।
बुधवार को अंतिम यात्रा उनके आवास से प्रातः 10 बजे शुरू होगी और कचहरी स्थित शहीद स्थल पर पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद हरिद्वार में अंतिम संस्कार होगा। बलूनी के तीन पुत्र विनय बलूनी, संजय बलूनी और विजय बलूनी और एक बेटी शशि बहुगुणा है।
एडवोकेट सुशीला बलूनी 1980 के समय से हेमवती नंदन बहुगुणा के पौड़ी गढ़वाल लोक सभा चुनाव से राजनीति में सक्रिय रहीं और बहुगुणा के प्रबल समर्थकों में से थीं। भाजपा और उत्तराखंड क्रांति दल से भी जुड़ीं रहीं। देहरादून मेयर का चुनाव भी लड़ा लेकिन चुनाव नहीं जीत पाईं। वह उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष और उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर भी रहीं।
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सुशीला बलूनी के बकरालवाला स्थित आवास पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया और उनके परिवारजनों को सांत्वना दी। सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अपने छात्र राजनीति के दिनों से ही बलूनी के साथ स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के नेतृत्व में काम किया और बहुगुणा के देहावसान के बाद जब उत्तराखंड में जनता दल की स्थापना हुई तो विनोद बड़थ्वाल व अनेक नेताओं के साथ उत्तराखंड में जनतादल की स्थापना में बलूनी की भूमिका भी प्रमुख रही। उत्तराखंड में वे जनता दल की संस्थापक सदस्य रहीं। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सुशील बलूनी ने अहम भूमिका निभाई।
बलूनी संघर्ष की प्रतीक थी
भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी नेता सुशीला बलूनी के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि बलूनी संघर्ष की प्रतीक थी और पृथक राज्य आंदोलन में लिए उनका बड़ा योगदान रहा है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि स्व. सुशीला बलूनी राज्य आंदोलन में एक मुखर और संघर्षशील योद्धा के तौर पर प्रतिभाग किया और आजीवन उत्तराखंड के विकास के लिए चिंतित और संघर्षशील रही। आजीवन महिलाओं और आम उत्तराखंड वासियों के लिए हमेशा संघर्ष किया।
वित्त और संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन को राज्य के लिए दुखद है।
कृषि व कृषक मंत्री गणेश जोशी ने राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में आंदोलन में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।