परिवार से ही बच्चों में संस्कार आते हैं : अनिल

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मेरठ, 19 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मेरठ प्रांत प्रचारक अनिल ने कहा कि परिवार से ही बच्चों में संस्कार आते हैं । आत्मकेन्द्रित व्यक्ति समाज और सामाजिक भाव के लिए खतरा है। आज समाज का आधार हिलता हुआ नजर आता है। वैवाहिक संबंधों में विचलन होने से समाज की नींव का हिलना स्वाभाविक है। लोग एक-दूसरे के साथ सद्भाव में रहें। लड़ने या बहस करने के बजाय शांतिपूर्ण वातावरण बनाएं। उन्होंने शिक्षा का जीवन की प्रगति के लिए महत्त्व बताया।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध शिशु समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश (मेरठ प्रांत) के कमला देवी सरस्वती शिशु मंदिर डी-ब्लॉक शास्त्रीनगर में शुक्रवार को प्रधानाचार्य योजना बैठक का समापन हुआ। समापन सत्र का आरंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक अनिल ने किया।

अक्षी अग्रवाल ने पूर्व छात्र परिषद् के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों को टोली में जोड़ने, सामाजिक कार्यों से जोड़ने के लिए प्रेरित करें एवं विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा विद्यालयों से जोड़ा जाए। उन्होंने पूर्व छात्रों को प्रचार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने और विचार-विमर्श करने पे जोर दिया। गीता अग्रवाल द्वारा परीक्षा से सम्बन्धित जानकारी दी गयी, जिसमें उन्होंने बताया कि संकुल स्तर पर अपनी टोली बनाना, प्रश्न पत्र का निर्माण किस प्रकार से किया जाये, योग्यता आधारित मासिक परीक्षा के बारे में समझाया।

प्रांत प्रचारक अनिल ने कहा कि राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रहित में हर कार्य किया जाए। कुटुम्ब प्रबोधन के बारे में समझाते हुए कहा कि हर परिवार में सामूहिक चर्चा व बैठक होनी चाहिए। घर में सामूहिक भोजन और भजन हों। त्याग का भाव परिवार के संस्कारों से ही उत्पन्न होता है। हमारे बच्चे मज़बूत और संस्कारवान बनें। आक्रमणों से डरे नहीं। प्रत्येक घर एक किला बन जाए ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

इस अवसर पर क्षेत्र प्रमुख सुधा बाना, प्रदीप भारद्वाज, अक्षि अग्रवाल, सेवा प्रमुख कैलाश राघव, प्रांत शैक्षिक प्रमुख महेश आदि उपस्थित रहे।