शिवपुरी जिले में पर्यावरण को नष्ट करते रेत माफिया

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23HREG26 शिवपुरी जिले में पर्यावरण को नष्ट करते रेत माफिया

शिवपुरी, 23 मई (हि.स.)। मध्यप्रदेश का शिवपुरी जिला प्राकृतिक वन संपदा की दृष्टि से बेहद संपन्न और समृद्ध शाली माना जाता है लेकिन यही संपदा इसके विनाश का कारण भी बन रही है। यहां बहुतायत में काला पत्थर है तो दूसरी ओर सफेद सोना कही जाने वाली रेत यहां की नदियों में पाई जाती है। इससे होनी वाली मोटी और काली कमाई के कारण यह जिला नेता, अधिकारियों और माफियाओं की पहली पसंद बन गया है । ये लोग यहां से रेत एवं पत्थर का दोहन कर काली कमाई करने में लगे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले की करेरा, नरवर, पिछोर सहित अन्य तहसीलों की प्रमुख नदियों सिंध और महुअर समेत अन्य छोटी-बड़ी नदियों में से रेत बहुतायत में है । दूसरी तरफ खनिज विभाग द्वारा जिन स्थानों की लीज खनन के लिए जारी की गई है वहां पर वर्तमान में रेत पर्याप्त मात्रा में है ही नहीं लेकिन उस स्थान के नाम से अन्य स्थानों पर से रेत निकाल कर रॉयल्टी लीज वाले स्थान के नाम दर्शाकर जारी की जा रही है। जिले में यह अवैध रेत का काला कारोबार प्रतिदिन लाखों रुपए की उगाही कर रहा है।

इस संबंध में अधिकारिक तौर पर ज्ञात हुआ कि करेरा क्षेत्र में कल्याणपुर के नाम से एक रेत खदान है जिसकी आड़ में सैकड़ों जगहों से अवैध रेत उत्खनन हो रहा है, इतना ही नहीं सुनारी चौकी क्षेत्र में दबरासानी ग्राम रोनीजा, अनदौरा, सीहोर थाना क्षेत्र अंतर्गत बीजोर चिताहरी, करैरा थाना क्षेत्र में मछावली और अमोल पठा चौकी क्षेत्र में थरखेड़ा में जमकर रेत का अवैध उत्खनन जारी है। करेरा, नरवर क्षेत्र में रेत के उत्खनन का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की यहां की रेत बिना रॉयल्टी के मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के कई जिलों तक पहुंच रही है, जिससे सरकार को जहां एक बड़े राजस्व की लगातार हानि हो रही तो वहीं पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है ।

पनडुब्बियों डाल कर निकाल रहे रेत-

खनिज अधिनियम में रेत निकालने के लिए पनडुब्बियों का नदी में डालना नियम के विरुद्ध है लेकिन यहां नदियों में पनडुब्बियों को डालकर यह कार्य किया जा रहा है, जिससे जलीय जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंच रहा है । कई जलीय जीव प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं शेष बची प्रजातियां भी विलुप्ति की कगार पर हैं। नदियों से अत्यधिक रेत निकालने से नदियों का जलस्तर भी निरंतर गिर रहा है, नदियां सूख रहीं हैं और पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और वे अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं ।

करोड़ों की सड़कें उखड़ी-

अभी हाल ही में कुछ माह पूर्व करेरा भितरवार मार्ग का सीसी रोड निर्माण हुआ था जो करोड़ों की लागत से बनाया गया था लेकिन इसी रोड से प्रतिदिन रेत से भरे हुए डंपर-ट्रैक्टर ट्रॉली निकलने से यह पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। इसी तरह से रामनगर से सुनारी पहुंच मार्ग डामर रोड पूरी तरह नष्ट हो चुकी है । ऐसे ही करैरा मछावली मार्ग भी उखड़ चुका है। यदि अवैध खनन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो तो आगें की स्थिति और भयावह होगी।

इनका कहना है –

जब इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी दिनेश चंद्र शुक्ला से बात की गई तो उनका कहना है कि आपने यह मामला हमारे संज्ञान में लाया है लेकिन इससे पूर्व भी हमने मेजर और माइनर कार्रवाई की हैं जिसमें हमने 58 लाख रुपए तक का अर्थ दण्ड भी वसूला है और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेंगी।