पाकिस्तानी अखबारों सेः इमरान के घर की तलाशी पर डेडलॉक सुर्खियों में छाया, बातचीत नाकाम

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20HINT10 पाकिस्तानी अखबारों सेः इमरान के घर की तलाशी पर डेडलॉक सुर्खियों में छाया, बातचीत नाकाम

– महंगाई से कराहती जनता को राहत देने के लिए पीएम शहबाज के निर्देश को महत्व

नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित लगभग सभी अखबारों ने इमरान के घर की तलाशी पर डेडलॉक की खबर को अपना प्रमुख समाचार बनाया है। इमरान ने अपने ज़मां पार्क स्थित घर की तलाशी लेने से इनकार कर दिया जिसके बाद सर्च ऑप्रेशन टीम वापस चली गई। समाचारपत्रों ने लिखा है कि सर्च ऑप्रेशन पर डेडलॉक की वजह से सरकार और पीटीआई के बीच बातचीत नकाम रही।

इस मामले पर इमरान खान का कहना है कि चार पुलिसवाले आकर तलाशी ले लें, हमें सबूत दें, हम हमलावरों को खुद गिरफ्तार कराएंगे। सरकार का कहना है कि इमरान खान को सबूत समेत लिस्ट सौंप दी गई है। इमरान खान का यह भी कहना है कि 9 मई की घटना को लेकर सैन्य अदालतें नहीं गठित हो सकती हैं। मेरे ऊपर अब तक 150 मुकदमें स्थापित किए गए हैं। कौन सी सैन्य संपत्ति पर हमला हुआ है, मुझे नहीं पता। महिलाओं के साथ की गई बदतमीजियों को कभी भी भूल नहीं सकते हैं।

इसके साथ ही अखबारों ने मंहगाई से परेशान जनता को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के जरिए दिए गए निर्देश को भी महत्व दिया है। उन्होंने किरायों में कमी करने, खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में कमी लाने, डीज़ल-पेट्रोल के दामों में की गई कमी का फायदा आम जनता तक पहुंचाने की बात कही गई है। उन्होंने जमाखोरों, मुनाफाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है।

वहीं कुछ अखबारों ने लाहौर हाईकोर्ट द्वारा पीटीआई के 72 एमएनएज के त्यागपत्र की मंजूरी के नोटिफिकेशन को अवैध बताए जाने और स्पीकर से सदस्यों को बुलाकर पुष्टि करने का आदेश देने की खबरें दी हैं। अखबारों ने क्वेटा में जूब के पास जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान के अध्यक्ष के काफिले पर आत्मघाती हमला होने की खबरें देते हुए बताया है कि इसमें सिराजुलहक बाल-बाल बच गए लेकिन उनके 7 कार्यकर्ता घायल हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय खबरों में जापान में जी-7 के राष्ट्र अध्यक्षों बैठक से संबंधित खबरों को तरजीह दी गई है। अखबारों ने जी-7 राष्ट्राध्यखें की बैठक शुरू होने की खबरें देते हुए बताया है कि इसको लेकर विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। वहीं अखबारों ने ईरान के राष्ट्रपति अब्राहिम रईसी के उस बयान को काफी महत्व दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि ईरान ने सऊदी अरब को कभी दुश्मन नहीं समझते है।

सरहद इस पार की खबरों में अखबारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ अच्छे पड़ोसी जैसे संबंध चाहते हैं। इसके लिए आतंकवाद और दुश्मनी से पाक माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर बनती है। इसके साथ ही अखबारों ने झांसी में एक युवती के जरिए अपनी शादी की रस्म बीच में छोड़कर इम्तेहान देने के लिए जाने की खबरें भी दी हैं।

वहीं अखबारों ने पाकिस्तान से भारत जाने वाले हिंदुओं के 50 से अधिक घरों को ध्वस्त किए जाने की खबरें देते हुए बताया है कि राजस्थान के जैसलमेर में यह कार्रवाई की गई है। अखबारों ने जी-20 सम्मेलन से पहले जम्मू कश्मीर को पूरी तरह से किले में परिवर्तित किए जाने की खबरें देते हुए बताया कि छापेमारी और घर-घर तलाशी के दौरान 1000 कश्मीरियों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा जंग ने अमेरिका द्वारा साम्प्रदायिक हिंदू संगठनों की फंडिंग का खुलासा होने की खबर छापी है। इसमें कहा गया है कि भारत में आरएसएस सहित हिंदुत्ववादी संगठनों को फंड उपलब्ध कराया गया है। ‘फॉरेन एक्सचेंज ऑफ हेट’ की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन संगठनों को करोड़ों डॉलर की फंडिंग की गई है। आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों को दी जाने वाली यह फंडिंग गुप्त तौर से चैरिटी के लिए की गई है। इसमें साउथ एशियर सिटीजन वेब रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि 2002 से 2014 तक आरएसएस के विभिन्न अकाउंट्स में 3 करोड़ डॉलर से अधिक की राशि भेजी गई है।

इसके साथ ही रोजनामा जंग ने कश्मीर में जी-20 सम्मेलन में चीन के सरकारी तौर पर भाग लेने से इनकार करने की खबर दी है। अखबार ने लिखा है कि चीन का कहना है कि कश्मीर एक विवादास्पद क्षेत्र है, इसलिए वह इस क्षेत्र में जी-20 के आयोजन का विरोध करता है।