12HREG19 प्रत्याशी भगवान से कर रहे जीत की मन्नतें, किसे मिलेगा जनादेश !
मऊ, 12 मई (हि.स.)। जनता का फैसला मतपेटी में बंद हो चुका है। किसके सिर चेयरमैनी का ताज सजने वाला है, कौन इससे वंचित होने वाला है, अब सिर्फ और सिर्फ कयासों के बाजार में चर्चा का विषय बन कर रह गया है।
इस पद पर आसीन होने के लिए अपने-अपने दल में टिकट के लिए महीनों से लगे नेताओं ने अपने ही दल के मजबूत दावेदारों को पटखनी देकर, टिकट पाकर पहली बाजी तो जीत ली। जिसे टिकट नहीं मिला वह इस जीत के लिए दल ही बदल कर पूरे चुनावी माहौल को दल-दल बना दिया।
भाजपा, बसपा व सपा के अलावा सुभासपा, कांग्रेस, आप व एआईएमआईएम के प्रत्याशी मैदान में हैं। जनता के बीच तो प्रमुखत: भाजपा के अजय कुमार, बसपा के अरशद जमाल व सपा के आबिद अख्तर ही चर्चा में है लेकिन आर-पार की लड़ाई की बात करें तो बसपा व भाजपा में मुकाबला रोमांचकारी व दिलचस्प है।
इसके परिणाम की बात करें तो बकौल भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों और भाजपा वोटर के हिसाब से अजय कुमार मजबूत लड़ाई में हैं। लेकिन वहीं बसपा सहित अन्य दलों के लोगों, पत्रकारों और आमजन की बात करें तो अरशद जमाल की हाथी बहुत झूम कर नगर निकाय क्षेत्र में चली है और परिणाम मऊ नगर पालिका के इतिहास में चौंकाने वाले होंगे।
ऐसे में नगर पालिका परिषद मऊनाथ भंजन के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी बसपा, भाजपा, सपा सहित अन्य दल के लोग अपनी-अपनी जीत के लिए अपने-अपने भगवान और खुदा से मन्नतें कर रहे हैं और अपनी जीत की दुआ मांग रहे हैं। जनता के आशीर्वचन के रूप में मिले वोट की संख्या किस प्रत्याशी के पक्ष में कितना है यह तो मतपेटी में बंद है। बावजूद इसके हर प्रत्याशी अपने-अपने इष्ट देवता से अपने लिए जीत की भीख मांग रहा है। नेताओं का भगवान शरणम् गच्छामि उनको कुर्सी तक पहुंचने का उनका अंतिम प्रयास है। नहीं तो जो एक जीतेगा वह तो जनता और भगवान के प्रति आभार व्यक्त करेगा और बाकी जो हार का सामना करेंगे तो उन्हें और उनके दलों को अपनी हार पर समीक्षा ही करनी होगी। अब देखिए जनता और भगवान की अदालत में किसके सर मऊ नगर पालिका अध्यक्ष के पद का ताज होता है किसे जनता का जनादेश मिलता है।