नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान पर एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला आयोजित

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19HREG140 नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान पर एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला आयोजित

औरैया, 19 मई (हि.स.)। बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ करने और इसके माइक्रोप्लान को समय से तैयार कर टीकाकरण सत्रों का संचालन सफलतापूर्वक किया जा सकता है जिससे जनपद में नियमित टीकाकरण की 95 फीसदी उपलब्धि हासिल की जा सके।

इसके लिए जरूरी है आबादी के अनुसार संबन्धित क्षेत्र का सर्वे करना, आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर हेड काउंट सर्वे कर ड्यू लिस्ट तैयार करना, माइक्रोप्लान तैयार करना, कोल्ड चेन पॉइंट की व्यवस्था की जांच, टीकाकरण सत्र के लिए वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं टीकाकरण सत्र स्थल के बारे में समुदाय को मोबिलाइज करना है। क्षेत्र के शत-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो। एक भी बच्चा व गर्भवती ड्रॉप आउट या लेफ्ट आउट न हो तभी नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है।

यह बातें जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ राकेश सिंह ने शुक्रवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान तैयार करने पर जनपद स्तरीय कार्यशाला में कहीं। यह कार्यशाला विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से आयोजित हुई। इसमें समस्त ब्लॉक सीएचसी-पीएचसी के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी), चिकित्साधिकारी (आरआई), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक (बीपीएम), ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (बीसीपीएम) व डाटा एंट्री ऑपरेटर ने प्रतिभाग किया।

डॉ सिंह ने समस्त प्रतिभागियों को सख्त निर्देश दिया कि क्षेत्र की मैपिंग स्पष्ट होनी चाहिए। हेड काउंट सर्वे के अनुरूप इंजेक्शन लोड के आधार पर टीकाकरण सत्रों का निर्धारण किया जाए। माइक्रोप्लान तैयार करने के लिए बैठक कर गहन समीक्षा करें। इसके साथ ही ई-कवच पोर्टल पर भी परिवार के सभी सदस्यों की सूची शत-प्रतिशत अंकित करें। रजिस्टर में अंकित लाभार्थियों को ट्रैक करते हुये उनका पूर्ण प्रतिरक्षण सुनिश्चित कराएं। कार्यशाला में दी गयी जानकारी का उचित अनुपालन करें।

इस दौरान राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जन्म पर, छठवें, 10वें व 14वें सप्ताह, नौ से 12 माह, 16 से 24 माह, पांच वर्ष, 10 वर्ष और 16 वर्ष पर लगने वाले टीकों की विस्तृत जानकारी दी।

डबल्यूएचओ के एसआरटीएल डॉ बृजेंद्र सिंह चंदेल, एसएमओ डॉ चेतन शर्मा ने माइक्रोप्लान को कैसे विकसित करें और टीकाकरण सत्र का आयोजन किस तरह से किया जाए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। यूनीसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक डीएमसी नरेंद्र शर्मा ने सामुदायिक मोबिलाइज़ेशन और प्रतिभागिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यशाला में समस्त अधीक्षक, एमओआईसी, एचईओ, बीसीपीएम एवं अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।