गोमती को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए निरंतर उत्खनन जरूरी: प्रो. ध्रुवसेन

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20HREG409 गोमती को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए निरंतर उत्खनन जरूरी: प्रो. ध्रुवसेन

लखनऊ, 20 अप्रैल (हि.स.)। लोकभारती द्वारा “गोमती संवाद- नदी हमारी, दायित्व हमारा” का आयोजन आर्किटेक्टचर कॉलेज, लखनऊ में किया गया। इस संवाद के जरिए गोमती संरक्षण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न सामाजिक संगठनों को एकजुट करने का आह्वान किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रख्यात भू वैज्ञानिक प्रो. ध्रुवसेन सिंह ने कहा कि गोमती को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए सीमित तौर पर निरंतर उत्खनन करते रहना चाहिए। नदी विशेषज्ञ प्रो. वेंकटेश दत्ता ने कहा कि नदियों को गांव, नाव, नारी, वट एवं कछुआ द्वारा संरक्षित करना होगा।

गोमती पर चर्चा करते हुए लोक भारती के संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल सिंह ने जोर देकर कहा कि गोमती की दशा को सुधारने में सभी को संगठित प्रयास करना होगा। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने नदी सुधार में युवक मंगल दल की भूमिका को उजागर किया।

कार्यक्रम में हनुमंत धाम के महंत गोमती बाबा रामसेवक दास, एसोचैम के प्रदेश संयोजक एवं वास्तुविद अनुपम मित्तल, आर्किटेक्चर कॉलेज की प्राचार्य प्रो. वंदना सहगल, लोक भारती के सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय, लोक भारती के नदी एवं जल संरक्षण प्रमुख कैप्टन सुभाष ओझा, कार्यक्रम की संयोजक शचि सिंह, लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख श्रीकृष्ण चौधरी व डॉ रितु जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर डॉ ओजोव्रत शास्त्री, आदित्य बिड़ला ग्रुप के उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, संयुक्त कृषि निदेशक आर.बी. सिंह, उपायुक्त मनरेगा सुखराम बंधु, पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान, सलाहकार नमामि गंगे डॉ सी.पी. श्रीवास्तव, कृष्णानंद राय, हृदेश बिहारी, जितेंद्र बहादुर सिंह, सौरभ सिंह सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं एनसीसी के कैडेट व पर्यावरणविद मौजूद रहे।