25HREG89 दिग्विजय न किसी के भाई, न किसी की जान, वे सिर्फ वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बोलते हैं : नरोत्तम
भोपाल, 25 अप्रैल (हि.स.)। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान उस बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि दिग्विजय सिंह न किसी के भाई हैं, न किसी की जान हैं। वे पड़ोसी मुल्क में आटा महंगा होने से परेशान हैं। दिग्विजय सिंह एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए ये सब बोलते रहते हैं।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने सोमवार को त्योहारों पर पत्थरबाजी और दंगों को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट किया था कि यदि आप देखें तो रामनवमीं के जुलूस पर सभी प्रदेशों में घटना एक प्रकार की ही थी। जुलूस पर पत्थर फेंका गया और पत्थरबाजी शुरू। दंगा भड़क गया। यह पत्थरबाजी कौन करता है? पता नहीं, लेकिन पकड़े जाते हैं एक ही वर्ग के निर्दोष बच्चे।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इसी को लेकर दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह एक ही वर्ग के लोगों को खुद ही पत्थरबाज बता रहे हैं। दिग्विजय सिंह जी, सीसीटीवी फुटेज आ गए हैं। पुलिस, कानून, संविधान आप सब पर सवाल उठाए दे रहे हैं? एक वर्ग विशेष पर नजरें इनायत करने के लिए आप ये सब बोलते रहते हैं। पाकिस्तान में मचे त्राहिमाम से इनकी पीड़ा समझ आती है कि ये कितने ज्यादा पीड़ित होकर इस तरह के बयान दे रहे हैं।
नकदी के सुरक्षित परिवहन के लिए गाइडलाइन बनाएगी सरकार
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि प्रदेश में नकदी का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने और लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार एक नई पहल करने जा रही है। सरकार द्वारा निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कैश (नकदी) के परिवहन को लेकर एक गाइडलाइन तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें अब प्रशिक्षित जवान तैनात होंगे। कैश का परिवहन विशेष रूप से डिजाइन की गई वैन में किया जा सकेगा और परिवहन के दौरान जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
कमल नाथ पर कसा तंज
इस दौरान डॉ. मिश्रा ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कमल नाथ जी हाथ जोड़े खड़े हैं, पूजा पाठ कर रहे हैं। इससे अच्छे दिन और क्या आएंगे? हमें उनकी धार्मिक आस्था पर आपत्ति नहीं, लेकिन इस बात पर जरूर आपत्ति है कि इन्हें चुनाव के समय ही भगवान क्यों याद आते हैं। चुनाव के वक्त ही हनुमान भक्त क्यों हो जाते हैं। विज्ञापन देते हैं।
उन्होंने कहा कि 15 महीने में (जब उनकी सरकार रही) क्या कभी ऐसा विज्ञापन दिया? कमल नाथ जी को जब अवसर मिला था, तब 15 महीनों में उन्होंने कुछ किया नहीं। प्रदेश की जनता कांग्रेस और कमल नाथ जी के ढोंग को अच्छी तरह जान और समझ चुकी है, इसलिए अब दोबारा भरोसा नहीं करेगी। कमल नाथ जी, काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।