युवा हाथों में कौशल दे दिया जाए तो यह बच्चे कर सकते हैं चमत्कारः शिवराज

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– मप्र में पहली बार हुआ आईटीआई का दीक्षांत समारोह, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सचमुच में आज का दिन अद्भुत है। अगर हमें मध्यप्रदेश बनाना है तो वह कौशल के माध्यम से बनेगा! अगर युवा हाथों में केवल कौशल दे दिया जाए, तो हमारे यही बच्चे चमत्कार कर सकते हैं। ज्ञान, कौशल एवं नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का मूल उद्देश्य है। हर विद्यार्थी में एक विशेष योग्यता होती है, उसे ही निखारने के लिए आप लक्ष्य तय कर शिक्षा प्राप्त करें, जिसका लाभ आपको समाज और देश को मिल सके।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को प्रदेश के पहले आईटीआई दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय आईटीआई दीक्षांत समारोह का कन्या पूजन और दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी उनके साथ मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री चौहान ने समारोह में विभिन्न आईटीआई संस्थानों से प्रशिक्षण पूर्ण कर परीक्षा में 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले युवाओं को सम्मानित कर उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह हमने विश्वविद्यालयों के देखे थे, लेकिन आईटीआई का दीक्षांत समारोह देश में शायद पहली बार हो रहा है। इसके लिए मैं यशोधरा राजे सिंधिया जी एवं उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल एवं नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का मूल उद्देश्य है। हर विद्यार्थी में एक विशेष योग्यता होती है, उसे ही निखारने के लिए आप लक्ष्य तय कर शिक्षा प्राप्त करें, जिसका लाभ आपको समाज और देश को मिल सके। शिक्षा के साथ हाथों में कुशलता आवश्यक है। आईटीआई हाथों में कौशल देने के लिए है और जिन हाथों में कौशल होगा, वे कभी बेरोजगार नहीं हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में हम ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। मैंने सिंगापुर में देखा कि वहां आईटीआई बहुत उन्नत है। वहां हवाई जहाज सुधारने से लेकर सुई बनाने तक के सभी काम होते हैं। इसलिए हमने अपने यहां की आईटीआई को विश्वस्तरीय बनाने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की 19 आईटीआई को देश में 3 स्टार और 96 आईटीआई को 2 स्टार रेटिंग मिली है। हम ग्रेडिंग को और बेहतर करने के लिए हम लगातार प्रयास करते रहेंगे। आईटीआई की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई होगी, ताकि बच्चों को ट्रेनिंग के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े। हम ग्रामीण इंजीनियर की परिकल्पना पर काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में कम से कम 4 ग्रामीण इंजीनियर होंगे, जो वहां की सुविधा को बनाए रखने में योगदान देंगे। बिजली, पानी, निर्माण आदि में मरम्मत और निर्माण का काम करेंगे। आईटीआई ने भी ग्रामीण इंजीनियर योजना के तहत 1200 बच्चों को प्रशिक्षण देने का काम किया है। यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाएंगे। हमारी कल्पना यह है कि 4 प्रशिक्षित लोग एक पंचायत में रहे तो अलग-अलग काम जैसे नल जल योजना, भवन निर्माण आदि करने में हमें बहुत आसानी होगी, तथा जनता को भी बहुत सुविधा होगी।