राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश ने लगाई बड़ी छलांगः शिवराज

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मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में कहा-मध्यप्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर जोर

भोपाल, 07 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 2021 के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश बड़ी छलांग लगाकर देश में 5वें स्थान पर पहुँच गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एडाप्ट एन आँगनबाड़ी अभियान से आँगनबाड़ियों के कायाकल्प में जनता को जोड़ने का सफल अभियान चलाया जा रहा है। जहाँ एक ओर आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-प्राइमरी शिक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाले 9200 सी.एम. राइज स्कूल खोले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री चौहान रविवार को राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग की शासी परिषद की 7वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 18 हजार 500 स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है। स्कूल में विद्यार्थियों को साइकल वितरण में भी ई-रूपी का उपयोग किया जाएगा।

उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज में सत्र 2022-23 से एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में प्रारम्भ की जा रही है। साथ ही प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कालेजों में बी.टेक. कार्यक्रम और 6 पॉलीटेक्नीक कालेजों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के विद्यार्थियों को पीएम गतिशक्ति परियोजना से जोड़ने के लिए एक सुनियोजित रूपरेखा तैयार की जा रही है। साथ ही प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति का विकास किया जा रहा है, जिससे हमारे खिलाड़ी विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने बताया कि देश-भक्ति और अनुशासन विकसित करने के लिए एन.सी.सी. और एन.एस.एस. में विद्यार्थियों की भागीदारी को प्रदेश में कुल विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत तक बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है।

नगरीय विकास और अर्बन गवर्नेन्स

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के नगरीय निकाय स्वच्छता का कीर्तिमान रच रहे हैं। प्रदेश के नगरों में अधो-संरचना विकास के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में लगभग 600 करोड़ रुपये की अनुपयोगी सम्पत्तियों को चिन्हित कर मॉनेटाइज किया जा चुका है। जी.आई.एस. और अन्य तकनीकों का उपयोग कर सभी शहरों में विकास योजना तैयार की जा रही है और पी.एम. गतिशक्ति में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और लॉजिस्टिक हब तैयार करने का कार्य भी प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि नगरीय विकास में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए “नगर गौरव दिवस” का आयोजन किया जा रहा है। सभी नगरीय निकायों में 23 सेवाएँ ऑनलाइन प्रदाय की जा रही हैं।