शाखा से निकले स्वयंसेवक देश के निर्माण में दे रहे योगदान : अद्वैतचरण दत्त

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देहरादून/विकासनगर, 23 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख अद्वैतचरण दत्त ने कहा कि संघ की शाखा संस्कारों के निर्माण की अभिनव पद्धति है। देश के अंदर आंतरिक अनुशासन के लिए संघ, शाखा के माध्यम से बाल्यकाल से संस्कारों को पोषित कर व्यक्ति निर्माण का कार्य कर रहा है। संघ की शाखा से निकले स्वयंसेवक अनुशासित होकर देश के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। अद्वैतचरण दत्त ने विकासनगर के बाबूगढ़ स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर में बीते 3 जून से चल रहे संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष के समापन अवसर पर गुरुवार को बतौर मुख्य वक्ता यह बातें कही।

अद्वैतचरण दत्त ने कहा कि शाखा में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों में भाग लेने से स्वयंसेवकों के भीतर कार्यकर्ता का गुण विकसित होता है। मानसिक बौद्धिक और शारीरिक रूप से दक्ष होने का हर प्रशिक्षण संघ की शाखा में मिलता है, इसलिए स्वयंसेवकों को प्रतिदिन शाखा जाना चाहिए। आज देश भर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं के बल पर सैकड़ों सेवा कार्य संचालित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सीमावर्ती क्षेत्र है। यहां के प्रत्येक घर से एक सैनिक है और ये सैनिक देश की सीमाओं पर प्रहरी के रूप में सेवा दे रहे हैं।

अद्वैतचरण दत्त ने कहा कि बाल्यकाल से ही व्यक्ति के अंदर देशभक्ति के संस्कार उत्पन्न हो इसलिए शाखा के माध्यम से खेल के साथ-साथ स्वयंसेवक देशभक्ति भी सीखते हैं। उन्होंने कहा कि संघ के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाती हैं ताकि समाज में सामाजिक समरसता का भाव बना रहे।

संघ शिक्षा वर्ग में आये शिक्षार्थियों ने समापन अवसर पर योगासन, सूर्य नमस्कार एवं विभिन्न खेलों का प्रदर्शन किया।