वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन से मिलती है स्वाभिमान के साथ जीने की प्रेरणाः सीएम शिवराज

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– वीरांगना के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान

कहा- स्वाभिमान और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हैं रानी दुर्गावती

जबलपुर, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती जी स्वाभिमान और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हैं। उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार करने की बजाए डटकर मोर्चा लिया और जब एक तीर गले में आकर लग गया तो स्वयं अपनी जान दे दी, लेकिन नारी सम्मान पर आंच नहीं आने दी। हम सबको रानी दुर्गावती के जीवन से स्वाभिमान के साथ जीने और मातृभूमि की सेवा की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वे दिल्ली प्रवास से दोपहर जबलपुर पहुंचे और यहां महान वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर उनकी समाधि पर पहुंचकर उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की और बड़ा देव की पूजा-अर्चना कर गणमान्य साथियों के साथ पौधरोपण किया।

उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज महान वीरांगना रानी दुर्गावती जी का बलिदान दिवस है। उनके चरणों में अपनी और मध्यप्रदेश की साढ़े 8 करोड़ जनता की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। वीरांगना रानी दुर्गावती स्वाभिमान और नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हैं। उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार करने की बजाए डटकर मोर्चा लिया और स्वयं को देश के लिए कुर्बान कर दिया, लेकिन नारी सम्मान पर आंच नहीं आने दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती महान वीरांगना, कुशल प्रशासक, जनता की सेविका होने के साथ-साथ जल प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने वाली रानी थीं। जबलपुर में उन्होंने अकेले 52 तालाब बनवाए, जो आज भी जल प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। हम सबको रानी दुर्गावती के जीवन से स्वाभिमान के साथ जीने और मातृभूमि की सेवा की प्रेरणा मिलती है। वीरांगना रानी दुर्गावती जी से समाज कल्याण की प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा, हमने तय किया है कि तेंदूपत्ता तोड़कर सरकार को क्यों दें? हम पांच जिलों के पांच ब्लॉक में प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं कि ग्राम पंचायत ही तेंदूपत्ता तुड़वाए और बेचे और पारिश्रमिक भी तय करे।