कानपुर में 23 मार्च को मनाया जाएगा गंगा मेला, हटिया में फहरेगा तिरंगा

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– सौहार्द से निकलेगी ऐतिहासिक ठेले से रंगों से सराबोर हुरियारों की टोलियां

कानपुर, 15 मार्च (हि.स.)। देश में मथुरा के बाद कानपुर की होली खेलने का अलहदा अंदाज व तरीका विश्व में प्रसिद्ध है। होली से पूर्व ही रंगों के पर्व का उत्साह जनपद में अपने चरम पर है। इसके साथ शहर के पुराने मोहल्लों में होली के बाद खेला जाना वाला गंगा मेला का उत्साह इससे चौगुना होता है।

इसके पीछे क्रांति की गाथा के इतिहास व क्रांतिकारियों के बलिदान की यादें संजोए गंगा मेला 23 मार्च को मनाया जाएगा। इस बार गंगा मेला पर हटिया के रज्जन बाबू पार्क में तिरंगा फहराने के बाद ऐतिहासिक रंगों से भरे ड्रमों का ठेला व हुरियारों की टोलियां निकलेगी।

गंगा मेला के आयोजन संबंधी जानकारी देते हुए कानपुर हटिया होली महोत्सव कमेटी के संयोजक मूलचंद्र सेठ, ज्ञानेंद्र विश्नोई, विनय सिंह ने बताया कि गंगा मेला हमेशा अनुराधा नक्षत्र में मनाया जाता है। 23 मार्च को अनुराधा नक्षत्र में ऐतिहासिक गंगा मेला को धूमधाम से मनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सन 1942 पर जब स्वतंत्रता आंदोलन चरम पर था, तब कानपुर के तत्कालीन कलेक्टर ने होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरोध में कानपुर के कई युवकों ने होली खेली तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। इसके बाद कानपुर में आंदोलन तेज हुआ और रोजाना ही होली खेली जाने लगी। मजबूर होकर ब्रितानिया हुकूमत को पकड़े गए युवकों को जेल से छोड़ना पड़ा। जिस दिन उनकी रिहाई हुई, उस दिन अनुराधा नक्षत्र था, तभी से कानपुर में गंगा मेला की परंपरा पड़ी।

उन्होंने बताया कि 23 मार्च को हटिया के रज्जन बाबू पार्क में सुबह जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर आएंगे और क्रांतिकारियों के शिलालेख पर पुष्पांजल अर्पित करेंगे। यहां पर पुलिस बैंड के बाद तिरंगा फहराया जाएगा। इसके बाद ऐतिहासिक रंगों का ठेला निकलेगा, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में घूमकर वापस हटिया लौटेगा।

समिति पदाधिकारियों ने प्रशासन से मांग

पदाधिकारियों ने बताया कि रज्जन बाबू पार्क में दो ट्रांसफारमर रखे हैं, जिससे हादसे का खतरा है इन्हें हटाने की मांग की गई है। रंगों के ठेला मार्ग पर जगह जगह बिजली के लटकते तार हैं। इन्हें ठीक करने के साथ केस्को के विशेष गैंग तैयार किए जाएं। गंगा मेला के दिन बिजली कटौती न हो और हाइप्रेशर पर वॉटर सप्लाई हो। रंगों के ठेला में रखे ड्रमों में पानी भरने के लिए जगह जगह पानी की व्यवस्था हो। इसके साथ ही हटिया के रज्जन बाबू पार्क की सफाई की जाए। यहां पर बाल मेला भी आयोजित होता है। पार्क के चारों तरफ अवैध कब्जों को हटाया जाए।