नैनीताल :- भूगर्भीय दृष्टि से कमजोर नगर के आधार बलियानाला क्षेत्र में इस बरसात में भी भूस्खलन प्रारंभ हो गया है। बीती 2 रातों में यहां रईश होटल के मोड़ के पास सिपाही धारे के रास्ते के नीचे बड़ा और जीआईसी के फील्ड के पास छोटा भूस्खलन हुआ है। बलियानाला संघर्ष समिति के अध्यक्ष मुख्तार अली ने बताया कि रामलीला स्टेज से सड़क के किनारे आधे पाइप से जाने वाले पानी को इस भूस्खलन का बड़ा कारण बताया जा रहा है।
बारिश होने पर यहां पानी बढ़ जाता है और रईश होटल क्षेत्र में भूस्खलन का कारण बन रहा है। क्षेत्रीय लोग विस्थापन के भय से भूस्खलन की सूचना प्रशासन को देने से भी बच रहे हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने भी ताजा भूस्खलन की जानकारी किसी माध्यम से मिलने से इंकार किया, अलबत्ता बताया कि करीब एक सप्ताह पहले भी यहां भूस्खलन हुआ था। तब सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मियों ने मौका मुआयना किया था।
उल्लेखनीय है कि बलियानाला प्रदेश स्तर पर चर्चा में रहता है। शासन जापान की जायका सहित बड़ी-बड़ी एजेंसियों से बलियानाला के संरक्षण के कार्य किए जाने के दावे करता रहता है, लेकिन धरातल पर कोई स्थायी कार्य नहीं दिखता है।
गत दिनों डीएम धीराज गर्ब्याल ने जीआईसी के नीचे 70 मीटर लंबी भूजल राशि मिलने के भूवैज्ञानिकों के दावे के बाद पानी को बाहर निकालकर इसकी पेयजल हेतु आपूर्ति करने अथवा नैनी झील में पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता हरीश चंद्र सिंह भारती को नोडल अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी सोंपी थी, लेकिन भारती विभाग ही छोड़ अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। इधर नैनी झील 11.10 इंच से अधिक के स्तर तक यानी लबालब हो चुकी है और कभी भी अगली बारिश होने पर झील के गेट खोलने की स्थिति आ सकती है। ऐसे में भूस्खलन के और बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है।