नैनीताल :- उत्तराखंड निवासी सुप्रसिद्ध बालीवुड गायक जुबिन नौटियाल अपने परिवार के साथ नैनीताल में हैं। वह अपनी वॉल्वो कार (एमएच02एफसी-0111) से आए हैं। वह अपने देहरादून निवासी मित्र रोहन चंदेल और अन्य दोस्तों के साथ चार गाड़ियों में आए हैं। नौटियाल निकटवर्ती पंगोट में अपनी बहन निहारिका और शिव मल्होत्रा के रिजॉर्ट में ठहरे हैं।
इस दौरान उत्तराखंड में भूमि कानून में संशोधन को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम का समर्थन करते हुए जुबिन ने कहा कि, मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों की बड़ी संख्या आती है और इस राज्य में पर्यटक जरूरी हैं। कोरोना के बाद लोग समुद्री तटों को छोड़कर पहाड़ों की तरफ रुख कर रहे हैं। इसके लिए यहां कड़े भूमि कानून बनाने चाहिए ताकि इस क्षेत्र को बचाया जा सके।
इस मौके पर जुबिन ने करगिल युद्ध के हीरो रहे शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा पर फिल्माई गई आगामी फिल्म ‘शेरशाह’ में गाए अपने गीत की दो लाइनें भी गुनगुनाईं, ‘काटूं कैसे राता ओ बावरे, जिया नहीं जाता सुन बावरे, की राता लम्बिया लम्बिया रे, कटे तेरे संज्ञा संज्ञा रे, ओ राता लंबया लंबया रे, कटे तेरे संज्ञा संज्ञा रे…’
इसके साथ जुबिन नौटियाल ने आजकल के अर्थहीन गानों पर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि, वो बिना अच्छे मायने वाले गानों को गाते ही नहीं हैं और पिछले कुछ वर्षों से अरिजीत सिंह के साथ उन्होंने पुराने दौर को वापस लाने का प्रयत्न किया है। संगीत को उन्होंने मनोरंजन का ही नहीं बल्कि युवाओं को सीख के लिए एक सुंदर माध्यम बताते हुए कहा कि, कुछ समय पहले उन्होंने छोटे बच्चों को अश्लील गाने हुए सुना था, जो उनका मतलब तक नहीं जानते थे। इसलिए वह ऐसे गानों का विरोध करते हैं।
इसके अलावा उत्तराखंड के नौजवानों के लिए एक संदेश देते हुए जुबिन ने कहा कि, उन्हें मदद के लिए दूसरों की ओर नहीं ताकना चाहिए बल्कि अपनी जंग खुद लड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटा और आसान रास्ता आकर्षक होता है लेकिन कठिन मार्ग ही सफलता की कुंजी होती है। उल्लेखनीय है गत दिवस उनकी कार नैनीताल-पंगोट के बीच सड़क पर मलबा आने के कारण कुछ देर फंसी रही थी।