गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आरोप लगाया कि प्रदेश भर में किसानों के नाम पर बहुत बडा घोटाला हो रहा है। उन्होंने यूपी के रामपुर जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि बाईपास निर्माण के नाम पर किसानों ऐसी जमीन खरीद दिखा दी गई,जिस पर मौजूदा में खेती हो रही है अथवा आबादी बसी हुई है। उनके पास करीब पांच लाख किसानों के ऐसे दस्तावेज है,जिनकी आड में बहुत बडा घोटाला हुआ। उन्होंने मीडिया के बीच आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे घोटाले को सरकार में बैठे लोगों के साथ ही सरकारी अधिकारी,एजेंसियां,बिचैलिएं और बैंक आदि मिलकर अंजाम दे रहे है। उन्होंने मीडिया के बीच कहा कि रामपुर की बंद पडी दीक्षित राइस मिल का कागजों में किराए पर लिया हुआ बताते हुए उसमं लाखों रूपए की धान की खेती दिखाते हुए करोडों का बारा न्यारा किया रहा है।
श्री टिकैत ने कहा कि ये तो यूपी के 65 में से एक जिले का प्रकरण है,यदि यूपी के तमाम जिलों में चल रहे खेल की केंद्र सरकार सीबीआई से जांच कराती है तो निश्चित तौर से यूपी का सबसे बडा घोटाला उजागर होना तय है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनता है तो निश्चित तौर से फजीर्वाडा रूकेगा। इसीलिए संयुक्त किसान मोर्चा समेत भारतीय किसान मांग करती है कि इस घोटाले में शामिल जनप्रतिनिधियों के नाम सार्वजनिक किए जाए। उन्होंने इस दौरान ये भी चेतावनी दी कि यदि मोदी एवं योगी सरकार के द्वारा इस पूरे घोटाले को गंभीरता से न लिया तो इस फजीर्बाडे के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन हर जिले में लंबा आंदोलन छेडेगी। सरकर का किसान विरोधी चेहरा जनता के सामने लाने का काम किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की गेंहू खरीद को बोरे,परिवहन,मजूदर कोविड के नाम पर बाधित कर लंबी लाइनें लगायी गई है। जिससे तंग आकर 70 फीसदी किसान अपना गेंहू बिचैलिएं को बेचने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि खरीद घोटाले की जांच में ये देखना भी आवश्यक है कि गेंहू खरीद के वक्त इन दिनों कितना गेंहू खरीद दिखायी गई है। मीडिया के बीच श्री टिकैत ने एलान किया कि 9 अगस्त को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाया जाएगा।