राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने शनिवार को चुनावी घोषणा पत्र की समीक्षा को लेकर बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान वे अपनी सरकार की पीठ थपथपाते नजर आए. गहलोत सरकार ने दावा किया कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जन घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, उनमें से 64% वादे पूरे हो गए हैं.
अशोक गहलोत ने कहा, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बावजूद वादों को धरातल पर उतारने में सरकार खरी उतरी. बीते ढाई साल में सरकार ने प्रदेश के समग्र विकास के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की पीड़ा दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं.
‘501 वादों में 321 हुए पूरे’
सीएम आवास पर हुई बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्यों और घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू और सांसद अमर सिंह मौजूद रहे. इस दौरान जन घोषणापत्र की समीक्षा की गई. इस दौरान गहलोत ने कहा, घोषणा पत्र के 501 वादों में से 321 यानी 64% पूरे हो गए हैं. वहीं, 138 वादों पर काम जारी है. उन्होंने कहा, ”कैबिनेट सब-कमेटी जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रही है.”
पार्टी आलाकमान को संदेश भेजना चाहते थे गहलोत
माना जा रहा है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चल रही हलचल के बीच अशोक गहलोत चाहते हैं कि उनकी सरकार की परफॉर्मेंस के बारे में पार्टी आलाकमान को पता चले. इसलिए चुनावी घोषणा पत्र के रिव्यू को लेकर यह मीटिंग जुलाई के अंत में रखी गई.
पायलट और गहलोत विवाद को सुलझाना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी विवाद को सुलझाना चाहती है. इसी वजह से मंत्रिमडंल विस्तार से पहले राजस्थान प्रभारी अजय माकन जयपुर आए थे. उन्होंने कहा था कि सभी लोग पार्टी आलाकमान के फैसले को मानने के लिए तैयार है. यही बात अशोक गहलोत भी दोहरा चुके हैं.