देहरादून : आदेशों के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी जारी, नहीं उपलब्ध करा रहे सूची

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देहरादून :- निजी स्कूल बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेशों को भी अनदेखा करने लगे हैं। आयोग ने बीते फरवरी में स्कूल और शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर आरटीई के तहत प्रवेश में छात्रों की संख्या की सूची मांगी थी, लेकिन चार महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी आयोग को इसका जवाब नहीं दिया गया है।

बता दें कि आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्र निजी स्कूलों में 25 फीसद आरक्षित सीट के लिए आवेदन करते हैं। स्कूलों को भी आनलाइन माध्यम से शिक्षा विभाग को हर वर्ष नया सत्र शुरू होने से पहले मार्च तक इन छात्रों की रिपोर्ट भेजनी होती है। स्कूलों में आरटीई की सीटों पर चहेतों को प्रवेश देने की शिकायतों पर बीते फरवरी माह में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष ऊषा नेगी ने पत्र भेजकर शिक्षा महानिदेशक और निजी स्कूलों से आरटीई के छात्रों की सूची मांगी थी। साथ ही उन्हें इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था, लेकिन चार महीने के बाद भी स्कूलों की ओर से आयोग को संबंधित छात्रों की सूची उपलब्ध नहीं कराई गई। ऐसे में आरटीई की रिक्त सीटों में भी गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।

इस मामले में बाल अधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार पांडेय का कहना है कि आयोग को स्कूलों की ओर से इस संबंध में कोई सूची प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि यदि स्कूलों के खिलाफ अभिभावक शिकायत करते हैं तो संबंधित स्कूलोंं से जवाब मांगा जाएगा। बच्चों की पढ़ाई व उनके संरक्षण पर आयोग गंभीर है।