अयोध्या, रामजन्मभूमि परिसर से कुछ ही फासले पर स्थित मुहल्ला बाग बिजेसी की जिस भूमि की खरीद में रविवार को सपा नेता एवं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन ने घोटाले का आरोप लगाया था, उस आरोप की हवा 24 घंटे के भीतर ही निकलने लगी। सपा नेता के आरोप का मुख्य आधार यह था कि जिस भूमि का इसी वर्ष 18 मार्च को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया, उस भूमि का एग्रीमेंट करने वाले रविमोहन तिवारी एवं सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख को 10 मिनट पूर्व ही मात्र दो करोड़ रुपये में बैनामा कराया था।
यह बताने के साथ पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया था कि दो करोड़ की भूमि 18.50 करोड़ में एग्रीमेंट कराने के पीछे करोड़ों का घोटाला किया गया। जबकि सच्चाई यह है कि संबंधित भूमि का चार मार्च 2011 को यानी 10 साल पूर्व ही मो. इरफान, हरिदास एवं कुसुम पाठक ने दो करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया था। तीन साल बाद इस एग्रीमेंट का नवीनीकरण भी कराया गया। यह भूमि 2017 में हरिदास एवं कुसुम पाठक ने भू स्वामी नूर आलम, महफूज आलम एवं जावेद आलम से बैनामा करा ली और हरिदास एवं कुसुम पाठक से यह भूमि 17 सितंबर 2019 को रविमोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी आदि आठ लोगों ने एग्रीमेंट करा ली और रविमोहन एवं सुल्तान अंसारी ने ही 18 मार्च को यह भूमि बैनामा करा ली