लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विभागों से पहली अप्रैल, 2017 से बीती 31 मार्च तक सरकारी सेवाओं से जबरन रिटायर किए गए कार्मिकों का समूहवार ब्यौरा तलब किया है। उन कार्मिकों का विवरण भी मांगा गया है, जिन्हें इस अवधि में सेवा या पद से हटाया गया है या जिन्हें वृहद या लघु दंड दिया गया है। माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष के हमले की धार कुंद करने के लिए योगी सरकार की ओर से यह ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के कार्मिक विभाग ने सोमवार को इस बारे में सभी विभागों को निर्देश जारी किया है। विभागों से कहा गया है कि वे इस अवधि में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए गए तथा सेवा से हटाए या पदच्युत किए गए समूह क, ख, ग और घ के कार्मिकों का ब्यौरा 18 जून तक उपलब्ध कराएं। उन कार्मिकों का विवरण भी मुहैया कराएं, जिन्हें इस अवधि में वृहद या लघु दंड दिया गया हो।
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर विपक्षी दल अक्सर सरकार पर हमलावर रहते हैं तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ही परिणाम है कि योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में बड़ी संख्या में सरकारी कार्मिक जबरन रिटायर किए गए हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में बड़ी संख्या में कर्मियों को पदावनत भी किया गया है