कांग्रेस लड़ेगी अकेले चुनाव

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मुंबई. महाराष्ट्र में शासन कर रही महाअघाड़ी सरकार (Maha Agadhi Government) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इस बात के संकेत हाल ही में शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र सामना में देखने को मिले हैं. पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रही कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा है. संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में स्वबल का अपच हो गया है, क्योंकि आए दिन कोई-न-कोई अपने बल पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है.

17 जून को हिंदी सामना में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, ‘एक तरफ राज्य में मराठा, ओबीसी, धनगर आरक्षण की मांग जोर पकड़ रही है. कोल्हापुर में सर्वदलीय लोगों ने एकजुट होकर मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन किया. धनगरों को समय पर आरक्षण नहीं मिला तो पंढरपुर में विठोबा माऊली की महापूजा रोकने की बातें की जा रही हैं. ‘ओबीसी’ के नेता भी सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. उसी में कोरोना का कोहराम पूरी तरह थमा नहीं है. ऐसे हालात में कुछ लोगों को राजनीति, चुनाव, स्वबल की धुन लगी है.’

शिवसेना ने लेख के जरिए कहा है कि राज्य में लोग राजनीति से ग्रस्त हैं, लेकिन इतने ग्रस्त होने की जानकारी नहीं थी. मुखपत्र में राज्य में कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले को लेकर लिखा, ‘उन्होंने भी आगामी चुनाव अपने दम पर लड़कर महाराष्ट्र में अपने दम पर सत्ता लाने की गर्जना की है. अपने दम पर सत्ता लाएंगे व कांग्रेस का मुख्यमंत्री अपने दम पर बनाएंगे, ऐसी घोषणा उन्होंने आत्मविश्वास के साथ की है.’

सदीय लोकतंत्र बहुमत के आंकड़ों का खेल है. यह खेल जिसके लिए संभव होगा, वह गद्दी पर बैठेगा. राजनीति में इच्छा, महत्वाकांक्षा होने में हर्ज नहीं है. परंतु अंतत: बहुमत का आंकड़ा नहीं होगा तो बोलने और डोलने से क्या होगा? ‘मैं फिर आऊंगा’, ऐसा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते थे. वे नहीं आए. उनके भारतीय जनता पार्टी के 105 विधायकों का बल व्यर्थ साबित हुआ और तीन दलों ने एक साथ आकर बहुमत जुटा लिया.’

पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में साजिश की अशंका को लेकर सवाल खड़ा किया है. संपादकीय के अनुसार, ‘2024 का मैदान अभी दूर है. परंतु प्रमुख राजनीतिक पार्टियां लोकसभा, विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की बातें अचानक करने लगी हैं. लोकसभा अथवा विधानसभा के चुनाव समय से पहले कराने की साजिश कोई रच रहा है क्या?’