रुद्रपुर : ऊधसिंहनगर जिले के बिंदूखेड़ा गांव में बिना लाइसेंस के अफीम की अवैध खेती का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। नशे की तस्करी के लिए कुख्यात कुमाऊं अब अफीम की खेती का मामला सामने आने के चर्चा में है। फिलहाल पुलिस मामले में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि बिंदुखेड़ा से कच्ची शराब की भट्टियां तोड़कर वापस लौट रही पुलिस टीम खेत में अफीम की फसल नजर आई थी । टीम ने कच्ची अफीम के पौधों को कटवाकर जड़ों को नष्ट कर दिया था । साथ ही बरामद अफीम को जांच के लिए नारकोटिक्स टीम को सूचना दे दी।
फरार भूमि स्वामी की तलाश शुरू
बुधवार को पुलिस ने कच्ची शराब के खिलाफ बिंदुखेड़ा से सटे जंगल और नदी के किनारे अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस को खेत में अफीम की खड़ी फसल मिली। जिसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों से खेत स्वामी के संबंध में पूछताछ की लेकिन पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने खड़ी अफीम की फसल कटवाकर कब्जे में ले लिया। साथ ही पटवारी को बुलाकर भू-स्वामी का पता लगाया गया। सीओ अमित कुमार ने बताया कि जमीन बिंदुखेड़ा निवासी हरवंश सिंह पुत्र सुरजन सिंह की है। हरवंश के खिलाफ बिना लाइसेंस के अफीम की खेती करने पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल वह फरार है। पुलिस की दो टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अफीम की खेती करने का तराई भाबर में पहला मामला
बिंदुखेड़ा गांव में अफीम की खेती करने का मामला तराई भावर के लिए पहला है। बताया जा रहा है कि गैरकानूनी माने जाने वाली इस खेती के लिए पहले सरकार से परमिशन ली जाती है, लेकिन जिस प्रकार महज थोड़े से भूखंड पर अफीम की खेती करने का मामला सामने आया है। उससे पहले तराई के नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, देहरादून और हरिद्वार जिले में पहला मामला है। इसको लेकर ऊधमसिंहनगर पुलिस सक्रिय हो गई है। अफीम की खेती की गाइडलाइन पर भी पुलिस ने मंथन शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि गैरकानूनी खेती के लिए पुलिस आरोपियों पर एनडीपीएस के तहत कार्रवाई कर सकती है।