एनसीपीसीआर ने अपनाया बेहद कड़ा रुख

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गाजियाबाद। पेरेंट्स एसोसिएशन की शिकायत पर कड़ा रुख दिखाते हुये राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), नई दिल्ली ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 10 दिन के अंदर आर. टी.ई एक्ट 2009 की धारा 12(1) (c) के अंतर्गत छात्र वंश का एड्मिशन डी.ए. वी स्कूल प्रतापविहार में सुनिश्चित करने के दिये आदेश स्कूल द्वारा दस दिन के अंदर अगर ने नही लिया गया छात्र का एड्मिशन तो सीपीसीआर एक्ट 2009 की धारा 14 के तहत होगी स्कूल पर कार्यवाई करेगी। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने ड़ी.ए.वी स्कूल प्रतापविहार , गाजियाबाद द्वारा दिनाँक 02/09/2020 को शासनादेश के पत्रांक संख्या 3975 -79/2020 -21 के माध्य्म से आर. टी.ई एक्ट 2009 की धारा 12(1) (c) के अंतर्गत छात्र वंश पुत्र नरेश कुमार का शासनादेश के चार महीने बीत जाने के बाद भी एडमिशन नही लेने की शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग , नई दिल्ली से की गई थी

इससे पहले डी. ए. वी स्कूल प्रतापविहार को छात्र का एडमिशन सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी , संयुक्त शिक्षा निदेशक ,बेसिक शिक्षा अधिकारी , खण्ड शिक्षाधिकारी , मुख्य विकास अधिकारी , द्वारा पत्र लिखे जा चके है जिलाधिकारी द्वारा स्कूल को कार्यवाई की चेतावनी भी दी गई लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी ना तो स्कूल पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाई ही गई और ना ही बच्चे का एडमिशन स्कूल में सुनिश्चित कराया गया जिसके कारण जीपीए को राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग से शिकायत करने के लिए विवश होना पड़ा तथा जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कई बार छात्र के एडमिशन के लिए एनसीपीसीआर के अधिकारियों से फोन द्वारा वार्ता की जिस पर शिकायत का सज्ञान लेते हुये एनसीपीसीआर ने कड़ा रुख दिखाते हुये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दस दिन के अंदर छात्र वंश का एडमिशन डी. ए. वी स्कूल प्रतापविहार में सुनिश्चित कराने के आदेश दिए है

साथ ही राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग द्वारा चेतावनी दी गई है अगर दस दिन के अंदर स्कूल द्वारा छात्र वंश का एडमिशन नही लिया गया तो सीपीसीआर एक्ट 2009 की धारा 14 के तहत स्कूल पर कार्यवाई की जाएगी जीपीए के उपाध्यक्ष जगदीश बिष्ट ने एनसीपीसीआर के शासनादेश एवं निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार 2009 के उलंघन पर कड़े रुख के लिए आभार जताया है साथ ही जीपीए के सचिव अनिल सिंह ने कहा है कि वो किसी भी दशा में छात्र का एडमिशन आर.टी.ई एक्ट 2009 के अंतर्गत कराने के लिए प्रतिबद्ध है चाहे इसके लिये न्यायलय की शरण लेनी पड़े ।