धर्मांतरण रोधी कानून पर केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण फैसला

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने धर्मांतरण रोधी कानून बेहद कड़ाई से लागू करने के दिशा निर्देश दिए हैं जबकि केंद्र सरकार ने योगी सरकार के फैसले से अपना पल्ला झाड़ लिया है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मोदी सरकार और योगी सरकार की सोच में कम से कम इस मामले में तो बेहद बड़ा अंतर सामने आया है।

इस संबंध में लोकसभा के लिखित जवाब देते हुए गृह मंत्रालय ने 2 फरवरी को कहा कि केंद्र सरकार देश में ‘धर्मांतरण रोधी’ कानून नहीं लाएगी। कई बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह का कानून लाया गया है। इस कानून को ‘लव जिहाद’ से लड़ने के तहत उठाया गया कदम करार दिया जाता है। संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि पब्लिक ऑर्डर और पुलिस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का विषय है और कथित जबरन धर्मांतरण राज्यों की सीमा में आता है।

रेड्डी ने अपने जवाब में कहा, “पब्लिक ऑर्डर और पुलिस संविधान के सातवें शेड्यूल के मुताबिक राज्य का विषय है. इसलिए धर्मांतरण से जुड़े अपराधों का बचाव, पता लगाना, रजिस्टर करना, जांच करना और उस पर मुकदमा चलाना राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन की चिंता है. एजेंसी मौजूदा कानूनों के आधार पर ही कार्रवाई करती हैं।