भीतरी घात और उठापटक से परेशान है भाजपा

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गाजियाबाद। निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व तरक्की की है। जहां भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रत्येक चुनाव में भारी बहुमत से विजय श्री प्राप्त कर चुके हैं। बात 2017 विधानसभा चुनाव की हो या फिर नगर निगम चुनाव की। गाजियाबाद में लगातार भारतीय जनता पार्टी ने अपना झंडा बुलंद किया है। हर जगह कमल खिला है और ऐसा खिला है कि सामने वालों की बोलती बंद हो गई, लेकिन बड़ी बात यह है कि जब सफलता उम्मीद से ज़्यादा होती है तो कहीं ना कहीं उम्मीदें इतनी परवान चढ जाती हैं कि उनका पूरा होना लगभग नामुमकिन हो जाता है। ऐसा ही कुछ भारतीय जनता पार्टी में देखने को मिल रहा है।

जहां लोनी से लेकर खोड़ा और गाजियाबाद तक प्रशासनिक अधिकारियों एवं भाजपा के जनप्रतिनिधियों के बीच द्वंद दिखाई दे रहा है। सबसे पहले हम लोनी क्षेत्र की बात करते हैं जहां भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर और लोनी के पूर्व चेयरमैन एवं चेयरमैन पति मनोज धामा के बीच एक युद्ध चल रहा है। लड़ाई इतनी बढ़ चुकी है कि कानूनी दांवपेच भी इस्तेमाल करने में दोनों लोग कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। मुकदमे भी दर्ज हुए और इसी क्रम में लोनी के विधायक प्रतिनिधि जेल यात्रा भी कराए जबकि विधायक गुट ने ऐसा जवाब दिया कि यह मनोज धामा ग्रुप की आजकल सांसे उपर नीचे चल रही है।

मनोज धामा पर बलात्कार और जान से मारने की धमकी जैसे मामले में मुकदमा दर्ज है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। वही ताजा मामला खोड़ा नगर पालिका से आया है जहां नगर पालिका अध्यक्ष रीना भाटी ने प्रशासनिक अधिकारी केके भड़ाना पर गंभीर आरोप लगा दिए। नतीजा यह हुआ कि नगरपालिका में काम करने वाले दर्जनों लोगों का वेतन ही रुक गया। अब वेतन नहीं मिलने के बाद किस तरह से गरीब लोग अपना गुजारा चलाएंगे इस बात की परवाह ना तो चेयरमैन रीना भाटी को है और ना ही प्रशासनिक अधिकारी के के भड़ाना पर कोई असर पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त एक और मामला सामने आया जहां भाजपा के पार्षदों ने ही अपने ही प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

दरअसल लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में नगर निगम की बैठक का आयोजन किया गया। जहां पार्षदों ने जमीन पर बैठकर अपने ही मेयर और अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा दिए। भाजपा पार्षद राजीव शर्मा अपने साथियों के साथ सदन में धरने पर बैठ गए। जिनका कहना था कि कवि नगर जोनल अधिकारी पार्किंग से लेकर रेड़ी पटरी वालों से अवैध वसूली कर रहे हैं। पार्षद और नामित पार्षदों ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं और करोड़ों रुपए का घोटाला करते हुए अपनी तिजोरी भर रहे हैं जबकि नगर निगम का खजाना खाली हो चुका है।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भाजपा के पार्षद और जनप्रतिनिधि अधिकारियों से सीधा टकराव लेते हुए अपनी ताकत का मुज़ाहिरा करना चाहते हैं। वही अधिकारी भी यह बताना चाहते हैं कि अब मामला एक तरफा नहीं है। यानी के दोनों तरफ पावर है,सविधान की ताकत है और अपने अपने निजी हित भी हैं। जिसके चलते भोली भाली जनता को इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है ।