निष्क्रिय महिला सभा सपा के लिए है चिंता का विषय

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गाजियाबाद आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जहां एक और सत्तारूढ़ दल भाजपा ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही है जबकि सत्तारूढ़ दल के खिलाफ आगामी विधानसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी को टुकड़ों में नहीं बल्कि एकजुटता दिखाते हुए समग्र प्रयास की आवश्यकता निश्चित रूप से पड़ेगी फिलहाल सपा के विभिन्न प्रकोष्ठों की स्थिति बेहद चिंताजनक है हालांकि कुछ प्रकोष्ठ बेहतर काम भी कर रहे हैं।

भाजपा और समाजवादी पार्टी की बात करें तो दोनों ही दलों में विचारधारा का अंतर है। वही एक बड़ा अंतर यह है कि जहां भाजपा में महिला मोर्चा बेहद सशक्त, सतर्क एवं क्रियाशील है। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की महिला सभा इन दिनों बैकफुट पर नजर आ रही है। देश की आधी आधी आबादी यानी महिलाओं की भागीदारी समाजवादी पार्टी में फोटो खिंचा ने तक सीमित रह गई है। मौजूदा हालात में देखा जाए तो महिला सभा की जिलाध्यक्ष कमलेश चौधरी और उनकी टीम पूरी तरह से निष्क्रिय हैं जबकि सपा महिला महानगर अध्यक्ष किरण कालिया अपनी टीम के साथ कहीं कहीं दिखाई दे जाती हैं।

जिला अध्यक्ष महिला सभा कमलेश चौधरी की टीम में मोदीनगर मुरादनगर और लोनी में कुछ महिला पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन मोदीनगर शहर अध्यक्ष सोनिया सिंह के अलावा कोई महिला पदाधिकारी अपनी टीम के साथ पार्टी हित में कार्य करती नजर नहीं आ रही है। बात खोड़ा में डोरेस फर्नांडिस की हो या फिर लोनी में मेनका त्यागी की हो। दोनों ही जगह सपा महिला सभा बेहद कमजोर दिखाई दे रही है। इस संबंध में लोनी से सपा की वरिष्ठ नेत्री दुर्गेश चौधरी का कहना है कि पार्टी को पद से सिर्फ उन्हीं लोगों को देना चाहिए जो पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने में सक्षम हो।

ऐसे लोगों को पार्टी में पद या जिम्मेदारी देना बेहद गलत है जो कि सिर्फ मीडिया में फोटो खिंचा कर अपनी निजी राजनीति चमकाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में कई बहुत अच्छी महिला नेता है जो पहले भी महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर चुकी हैं लेकिन इन दिनों कुछ नए लोगों को जिम्मेदारी मिल रही है जो कि फिलहाल पार्टी हित में काम करती हुई सक्षम नजर नहीं आ रही हैं। हालांकि श्रीमती चौधरी ने कहा कि कुछ ऐसी महिला नेत्री भी है जो पार्टी से मिली हुई अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से सपा महिला सभा को लेकर पार्टी में चर्चाओं का बाजार गर्म है। जहां कुछ नए पदाधिकारियों का जोरदार विरोध भी हुआ है।