गाजियाबाद। कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जानकारी तो स्वास्थ्य विभाग ले रहा है, लेकिन उनकी जांच के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। शासन में रिपोर्ट भेजने के नाम पर संपर्क के लोगों की संख्या भेजी जा रही है। इसमें 50 फीसदी से अधिक लोग जांच ही नहीं करा रहे हैं।
जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 26 हजार के पार पहुंच गया है। दिसंबर माह में एंटीजन किट खत्म होने और जांच कम होने से संक्रमितों की संख्या में भी कमी आई है। शासन की और से कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे। इसके लिए जिले को लक्ष्य भी दिया गा था कि एक संक्रमित के औसतन 25 से अधिक संपर्क के लोगों की जांच की जानी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए संक्रमितों से ही जानकारी लेकर उनके संपर्क के लोगों की सूची बनवाई जा रही है, लेकिन उनकी कोरोना जांच में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। बता दें संक्रमित के संपर्क में आए 50 फीसदी से ज्यादा लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। जो जांच करा रहे हैं उसमें से दस फीसदी लोग कोरोना पॉजीटिव आ रहे हैं। जिले में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जो लोग संक्रमितों के साथ रह रहे हैं और उनकी जांच ही नहीं हो पाई है।
वसुंधरा में रहने वाले युवक ने बताया कि उनके भाई छह दिन पहले कोरोना की चपेट में आ गया था, जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हो गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पर आई थी और उनके पड़ोसियों को सतर्क करके चली गई, लेकिन न ही उनकी जांच की और न ही जांच के लिए जानकारी दी। वहीं संजयनगर के गार्डन एंक्लवे में रहने वाले दो दंपति कोरोना की चपेट में आ गए। उनके दो छोटे बच्चे भी उनके साथ रह रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनकी जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। ऐसे में संक्रमित दंपति भी घर में आइसोलेट हैं और बच्चों को जांच के लिए नहीं ले जा सकते हैं। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि विभाग की ओर से घर-घर जाकर जांच करने की जिम्मेदारी नहीं है। केवल संपर्क के लोगों को जांच करने की जानकारी दी जाती है।