किसानों ने दिल्ली यूपी बॉर्डर किया जाम प्रशासन की बढ़ी मुश्किल

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गाजियाबाद। केंद्र सरकार की कृषि नीतियों, हाल ही में बनाए गए तीन कानूनों और किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों का आंदोलन आठवे दिन भी जारी है। आंदोलन और भारी संख्या में किसानों के दिल्ली बॉर्डर पर बैठे होने के चलते यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जाम कर दिया है। जिसके चलते गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली लेन ब्लॉक हो गई है। दिल्ली और नोएडा की ओर से गाजियाबाद आने वाले लोगों को सफर करने में परेशानी होगी। पश्चिमी यूपी के सैकड़ों किसान पिछले कई दिन से गाजीपुर टोल (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पर धरना दे रहे हैं।

इस संबंध में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। जब सरकार की नीयत साफ होगी तब हल निकल जायेगा। इसके लिए हमने आज से व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है जहां गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रोड को जाम कर दिया गया है।

इस बीच यूपी गेट पर बैठे बागपत से आये किसान सुंदर सिंह ने कहा कि यहां रह के कोई फायदा नहीं है। हम काला कानून रद्द करने आए हैं। हम दिल्ली की सारे बॉर्डर बंद करेंगे। हमारे पास 6 महीने तक का राशन है। हमें आपके खाने की जरूरत नहीं है। वोट मांगने के लिए गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के पास समय है लेकिन हम लोगों से मिलने के लिए नहीं है। हम इनका हुक्का पानी बंद करेंगे। गौरतलब है कि किसान आंदोलन का असर आम लोगों पर पड़ा है और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

दिल्ली के पास हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई है और दफ्तर जाने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। जबकि किसानों ने ट्रैक्टर पर तिरपाल डालकर इसे ही अपना घर बना लिया है। ठंड से बचने के लिए रजाई-कंबल भी लाए गए हैं।सड़क पर अलाव जल रहा है लेकिन सर्द रातों में इस अलाव की गर्मी से कहीं ज्यादा तपिश किसानों के गुस्से की आग से बढ़ रही है।

जाम से बढ़ी दिक्कतें, किसानों की बढ़ रही है संख्या

यूपी गेट पर गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्ते को किसानों ने बंद कर दिया। जिसके बाद जाम की समस्या तेजी से बढ़ती चली गई। इसी बीच यह भी देखा गया है कि धरना स्थल पर किसानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में जिला प्रशासन की समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं क्योंकि अभी तक तो किसान हाईवे को छोड़कर पुल के नीचे धरना देकर बैठे हुए थे, लेकिन अब किसानों ने अपने साथ में को आक्रमक रूप से आगे बढ़ाने की ठान ली है। जिसके चलते दिल्ली पुलिस के साथ गाजियाबाद पुलिस पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।