गाजियाबाद :- मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव के नाम से रेलवे में चाचा भतीजे की नौकरी लगवाने के नाम पर बीस लाखों रुपए की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। इतना ही नहीं दो महीने में नौकरी लगवाने की बात करते हुए ठगों ने दोनों को दिल्ली के एक अस्पताल में ले जाकर नौकरी से पहले होने वाला फर्जी मेडिकल भी करवा दिया। दिए गए समय के अनुसार जब नौकरी नहीं लगी तो ठगी का पता चला। इस पर दी गई रकम वापस मांगी गई तो ठगों ने जानलेवा हमला कर दिया। मामले की शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कर इंसाफ की गुहार लगाई गई है।
थाना विजयनगर की चरन सिंह कॉलोनी में रहने वाले सुरेश चंद की घर के बाहरी हिस्से में ही परचून की दुकान है। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान पर दो व्यक्ति जिनके नाम महेंद्र पंवार और अमरपाल सिंह हैं सामान लेने के लिए आते थे। बातचीत के दौरान मोबाइल पर वीडियो देखने पर पता चला कि उक्त दोनों व्यक्तियों के संबंध बड़े-बड़े लोगों से हैं। इसी बीच पता चला कि उक्त लोग अपने बेटे की रेलवे विभाग में नौकरी लगवा रहे हैं।
सुरेश ने बताया कि इस पर उनसे भी कहा गया कि वह अपने बेटे दीपक गौतम और भाई अरुण कुमार की भी रेलवे में नौकरी लगवा ले। आरोप है कि दोनों ने उनसे कहा कि उनके मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और प्रमुख सचिव से संबंध है। दोनों की रेलवे विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर 30 लाख रुपए की मांग की गई। बाद में सौदा 20 लाख में पट गया। उन्होंने बताया कि नगदी दे दी गई और बेटे और भाई को ले जाकर दिल्ली के एक अस्पताल में नौकरी से पहले होने वाली फिजीशियन जांच भी फर्जी करा करा दी गई।
आरोप है कि आरोपियों ने नौकरी दो महीने में लगवाने की बात कही। कहा गया कि प्रमुख सचिव से बात हुई है उन्होंने नौकरी लगवाने का पूरा आश्वासन दिया है। सुरेश ने बताया कि दिए गए समय के अनुसार जब नौकरी नहीं लगी तो उक्त लोगों से बातचीत की गई। इस पर वह इधर उधर से बातें करने लगे। इस पर उन्हें पता चल गया कि उनके साथ ठगी हुई है। रकम वापस मांगी गई तो उन पर जानलेवा हमला किया गया। आरोप है कि मामले की शिकायत पुलिस से की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टा उन्हें ही थाने से धमका कर भगा दिया। उन्होंने बताया कि अब मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से उनके हेल्पलाइन पोर्टल पर की गई है।
उधर पुलिस का कहना है कि मामले की शिकायत मिली है। जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रकम देते समय बना ली गई थी वीडियो
पीड़ित सुरेश ने बताया कि जब उन्होंने बेटे और भाई की रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए उक्त लोगों को रकम दी थी तो उन्होंने चुपके से उनकी वीडियो बना ली थी। ताकि भविष्य में उनके साथ कोई विश्वासघात होता है तो उसके आधार पर उक्त लोगों पर कार्रवाई करवाई जा सके। उनका कहना है कि उसके बाद भी उक्त ठगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।