नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने याद दिलाया कि लालकिले से अपने दूसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में पिछले साल उन्होंने कहा था कि पिछले 5 साल आवश्कताओं की पूर्ति के लिए थे, अगले पांच साल आकांक्षाओं की पूर्ति के होंगे।
इसके साथ ही उन्होंने वे आकांक्षाएं भी गिनाईं जो लोगों के मन में थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक साल में ही देश ने बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों के पड़ाव को पार कर लिया है। गांधी-150 के इस वर्ष में देश के गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त किया है। आस्था के वजह से प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून, असम और त्रिपुरा में स्थायी शांति के लिए ऐतिहासिक समझौता, फौज को सशक्त बनाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का न्यूनतम समय में निर्माण के साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण के अधिकारों को बढाने का फैसला लेकर सरकार ने जनाकांक्षाओं की पूर्ति का काम किया। देश ने इन सबमें इतिहास बनते देखा।
ऐसा ही एक इतिहास अयोध्या से भी जुड़ा है। सदियों से लंबित एक आकांक्षा, यानि राम मंदिर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से 10 दिन पहले अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। राम जन्मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है। इस दौरान देश के लोगों ने जिस संयम और समझदारी के साथ आचरण-व्यवहार प्रकट किया, वह अभूतपूर्व है। भविष्य के लिए हमारी प्रेरणा का कारक है। शांति, एकता और सद्वभावना- यही तो आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनने वाली है। यही मेलजोल, यही सद्भभाव भारत के उज्जवल भविष्य की गारंटी है। इसी सद्भभाव के साथ हमें आगे बढ़ना है।