टिप्स फॉर एवरीवन / मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विवेक बिंद्रा, (बड़ा बिजनेस के फाउंडर और सीईओ डॉ. विवेक बिंद्रा द्वारा लिखित)
नई दिल्ली :- कोरोना महामारी की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी कॉन्ट्रैक्शनरी पाथ की ओर लुढ़क गयी है। रिजर्व बैंक इंडिया गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस महीने माना कि कोविड-19 पैंडेमिक के कारण भारत की जीडीपी में भी कमी होने की संभावना है। ज्यादातर इकोनॉमिक एक्टिविटी के शटडाउन होने के कारण बिजनेस में रेवेन्यू में बहुत भारी नुकसान हुआ है। इसके कारण बहुत सारी नौकरियां भी चली गयी। इंडियन मॉनिटरिंग इकोनॉमी के अनुमान के अनुसार (CMIE रिपोर्ट), भारत में 122 मिलियन से अधिक लोगों ने अप्रैल में ही अपनी नौकरी खो दी थी। एक इकोनॉमिक एनवायरनमेंट में जहां एक नई नौकरी पाना बहुत मुश्किल होता है तो यह जरूरी हो जाता है कि प्रोफेशनल्स नौकरी खोने की संभावना को कम करने के लिए अपेक्षित कदम उठाएं।
एक नौकरी जाने से केवल इनकम का नुकसान ही नहीं होता है; बल्कि आपके लोन चुकाने की क्षमता के क्रेडिट रेटिंग का भी नुकसान होता है, इसके अलावा सेविंग्स का नुकसान और पीएफ और स्वास्थ्य बीमा जैसे लाभ का भी नुकसान होता है। इन सबके नुकसान से आपके करियर के मोमेंटम को भी नुकसान पहुँचता है। जबकि कई ऐसे सरकमस्टान्सेस हैं जो एक व्यक्ति के कंट्रोल से परे हैं। आप अभी भी कई सारी चीज़ें इस मुसीबत से बचने के लिए कर सकते हैं। सबसे बढियाँ ट्रिक है कि आप अपने ऑर्गेनाइज़ेशन के साथ जुड़े रहें जिससे आप बेरोजगार न हो।
प्रो-एक्टिवनेस और अडाप्टेबिलिटी है जॉब न जाने का सूत्र
जब कोई ऑर्गेनाइज़ेशन अपने स्टाफ में छटनी करने की सोचता है तो सबसे पहले उनको निकाला जाता है जो सबसे कम एक्टिव रहते है और ऐसे लोग बहुत कम प्रोडक्टिव होते हैं। ऐसे लोग ऑर्गेनाइज़ेशन के लिए बहुत ही कम उपयोगी होते हैं। अगर आप किसी ऑर्गेनाइज़ेशन में एम्प्लोयी हैं और आप चाहते है कि आपकी जॉब न जाये तो आप इस ऊपर बताई गयी केटेगरी में न रहें। अडाप्टेबिलिटी, फ्लेक्सिबिलिटी और प्रोडक्टिव ऐटिटूड आपको जॉब जाने के ख़तरे से सेफ रखता है। ‘वर्क फ्रॉम होम’ से काम करने के टास्क को ग्रांटेड न लें और इसे रिलैक्स करने का सेनारियो न बनाये। यह वही टाइम है जब आप अपनी प्रेजेंस को सबसे ज्यादा फील कराएं और अपने काम के प्रति जुनून और उत्साह को दिखाएँ। ऐसा न करें कि आप एक उदासीन एम्प्लोयी के रूप में नज़र आएं। ऑर्गेनाइज़ेशन की जरूरत को पूरा करने के लिए हमेशा फ्लेक्सिबल और अडाप्टेबल रहें। यदि आवश्यक हो तो अन्य डिपार्टमेंट में भी मदद करें। कभी किसी काम को न ना कहें भले ही चाहे यह आपके मैंडेट के बाहर हो। कभी भी शिकायत न करें। आप इंट्रोवर्ट हो सकते हैं, लेकिन यह अपने टॉप लीडरशिप और मैनेजमेंट के साथ सक्रिय रूप से नेटवर्क बनाने का समय भी है।
हमेशा काम के लिए तैयार रहें।
जो एम्प्लोयी ऑर्गेनाइज़ेशन को वैलुएबल बनाता है वही इस सिचुएशन में अपनी जॉब बचा पायेगा। अपने आप को ऑपरेशन्स और स्ट्रेटेजी बनाने में एक्टिव रखें। वैल्युएबल कॉन्ट्रिब्यूशन करें और इस मंदी में कंपनी को फायदा पहुंचाने वाले कामों को मैनेज करें। इस टाइम को मार्किट डायनामिक्स को समझने में लगाएं और देखें कि आपका कॉम्पिटिटर क्या कर रहा है। अपनी कंपनी को इस मंदी में फायदा पहुँचाने की कोशिश करें।
यदि आप कंपनी में अपना योगदान देते हैं, तो बाद में आपकी लॉयल्टी के नोटिस होने की संभावना है और आप इसके लिए पुरस्कृत भी हो सकते हैं। अपने काम में गलती न करना भी महत्वपूर्ण है। ऐसा न करें किसी भी काम को आधे-अधूरे मन से पूरा करें या अपने रवैये में सुस्त रहें। अपने काम को नोटीसेबल बनाने के लिए हमेशा एक्स्ट्रा एफर्ट लगाएं।
नई स्किल सीखें
नए चीज़ें और स्किल सीखकर अपनी कंपनी के लिए और भी यूजफुल बने। ऑनलाइन नई चीज़ें सीखने का और अपने प्रोफेशनल एबिलिटी में एक और डाइमेंशन जोड़ने के लिए इस समय का अच्छा इस्तेमाल करें। अगर आपकी कम्पनी डिपार्टमेंट को मर्ज करने का प्लान करती है और अपने स्टाफ में कटौती करती है तो आप अपनी पोजीशन के लिए बचे रहें। सोशल मीडिया मार्केटिंग स्किल सीखें, MS ऑफिस को अच्छे से सीखें, ग्राफ़िक डिजाइनिंग को सीखें। यह सब आपके बायोडाटा को एक अच्छा इम्पैक्ट देंगे।
होरिजेंटल कोलिशन के इम्पोर्टेन्स को कभी भी अंडरस्टीमेट न करें।
ज्यादातर लोग अक्सर सिर्फ अपने सीनियर्स और मैनेजर्स के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की एनर्जी पर ध्यान देते हैं। हालांकि, वे उस महत्व को कम आंकते हैं जिसमे अपने कलीग और सेम रैंक वाले एम्प्लोयी के साथ भी अच्छा व्यवहार बनायें रखना होता है। इसे ‘होरिजेंटल कोलिशन’ कहते हैं। अपने कलीग के साथ हेल्दी वर्किंग रिलेशन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। यह आपके कोंगेनिअलिटी और अमनबिलिटी भी आपके एक एम्प्लॉयबिलिटी स्केल में वैल्युएबल पॉइंट जोड़ता है। एक एम्प्लोयी को निकालने से पहले अन्य एम्प्लोयी की भी राय ली जाती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप होरिजेंटल कोलिशन को बनायें रखें। रिश्तेदारी की भावना बनाए और हमेशा मदद की पेशकश करें जब भी आपके कलीग को जरूरत हो।
अगर आप अपनी जॉब पहले ही गवां चुके हैं तब भी आप अपनी रोजगार के लेवल को हाई रख सकते है और अपने करियर को फिर से पटरी पर ला सकते हैं।
भविष्य पर फोकस करें
अगर आपको कंपनी से निकाल दिया गया है तो इसे पर्सनली न लें और अपना कॉन्फिडेंस न खोएं। फ्यूचर फोकस्सड रहें। इकॉनमी कभी न कभी पटरी पर तो आएगी ही। फिर से भर्तियां शुरू होंगी। रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। यह बस व़क्त की बात है। आपको इसमें क्या करना है बस इस बीच अगली छलांग के लिए अपनी तैयारियों को पूरा करना है।
अपनी फाइनैंशल सिचुएशन को परखें, देखें कि आपके पास कितनी सेविंग्स बची है और देखें कि आप अपने परिवार को कब तक चला सकते हैं। यह आपको आईडिया देगा कि आपको नई जॉब की कितनी ज्यादा जरूरत है। यह आपको केंद्रित रहने में भी मदद करेगा। हालांकि, भले ही आपके पास भले ही कितने महीनो की पर्याप्त सेविंग हो, नौकरी खोजने के मामलें में कभी भी आलसी न बने। अगले कुछ हफ़्तों में जॉब ढूढ़ना अपनी नयी जॉब समझें।
अपने समय को अपनी स्किल बढ़ाने में लगाएं
हम अक्सर सुबह से रात तक बिना यह जाने कि, हमारी स्किल टाइम के हिसाब से कितनी अपडेटेड है, लगातार काम करते रहते हैं। इस टाइम को अपनी स्किल को अपडेट और इम्प्रूव करने में लगाएं। ऑनलाइन स्किल कोर्स और प्रमाणपत्र कोर्स करें जो आपके रिज्यूमे को अधिक आकर्षक और आपके स्किल-सेट को अधिक कंटेम्परेरी बनाएं। नए हुनर सीखें, नए सर्टिफिकेट प्राप्त करें। बिजनेस और मैनेजमेंट प्रोग्राम को स्टडी करें। वेब डिज़ाइनिंग और फ़ोटोशॉप सीखें। अपनी डिजाइनेशन के बारें में गहराई से पढ़ें। एक दिलचस्प ब्लॉग लिखना शुरू करें जो आपके लिंक्डइन प्रोफाइल के साथ अच्छी तरह से मैच करें।
अपने पुराने नेटवर्क में टैप करें
यह समय है कि आप अपने पुराने नेटवर्किंग में वापस आएं। आप जितना कर सकते हैं उतना। हर जगह अपनी CV भेजें, प्रोफेशनल सोशल मीडिया ग्रुप ज्वाइन करें। अपने कॉलेज के पूर्व छात्र और दोस्तों के संपर्क में रहें। याद रखें, कभी भी अपने पुरानी कंपनी के मैनेजर से बुरा व्यवहार न करें। आगे हो सकता है आपके काम को देखकर कंपनी आपको वापस बुला लें।