गाजियाबाद । जिला जिला प्रशासन एवं जेल प्रशासन के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता द्वारा जीटी रोड पर बनाई गई अस्थाई जेल में अब चार डॉक्टरों की टीम गठित कर समय-समय पर जेल में बंद बंदियों की जांच पड़ताल करेंगे। जिसमें दो चिकित्सा अधिकारी और दो फार्मासिस्ट की तैनाती की गई है।
जानकारी के अनुसार बता दें कि डासना के नेशनल हाईवे पर स्थित अस्थाई जेल को जीटी रोड पर शंभू दयाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। जहां पर बन्दियों की निगरानी एवं उनकी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जिला जेल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ सुनील कुमार त्यागी और जेल के डॉक्टरों की टीम कर रही थी । इसी बीच जेल प्रशासन और जिला प्रशासन के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता ने चार डॉक्टरों का पैनल बनाकर उनकी अलग-अलग समय में तैनाती का आदेश दिया है। खास तौर पर डॉक्टर सत्य प्रकाश सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक अपनी ड्यूटी का निर्वाह करेंगे । उनके साथ फार्मासिस्ट अनिल कुमार उनका सहयोग करते रहेंगे। इसके अलावा दोपहर 2 बजे से लेकर रात को 8 बजे तक डॉ कुलवंत सिंह चिकित्सा अधिकारी व परमानंद पाठक फार्मासिस्ट के तौर पर बंदियों की देखभाल में जुटे रहेंगे। साथ ही जेल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ सुनील कुमार त्यागी उनकी मॉनिटर कर उन्हें दिशानिर्देश भी देंगे।
सीएमओ नरेंद्र गुप्ता एवं जेल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि शम्भुदयाल इण्टर कालेज गाजियाबाद में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के आदेश पर बनायी गयी अस्थायी जेल में निरुद्ध बंदियों के उपचार हेतु डॉक्टर और फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगायी गयी है । सभी डॉक्टरों व फार्मासिस्ट को लिखित में पत्राचार कर अपनी ड्यूटी पर तैनात होने के आदेश पारित किए गए हैं। जल्द ही वह अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए बनाए गए अस्थायी जेल में बंद बंदियों की देखभाल करें उनके स्वास्थ्य की जांच करें।
वही स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कोई डॉक्टर आदेश मिलने के बाद भी अपनी ड्यूटी पर नही जा रहा। यदि किसी बन्दी की जान चली गई तो कौन जिम्मेदार होगा । इससे पूर्व भी एक आयुर्वेदिक चिकित्सक वह फार्मेसिस्ट की ड्यूटी लगाई गई थी परन्तु वह भी नही आये । सभी आयुर्वेदिक चिकित्सक व फार्मेसिस्ट केवल डाक्टर राणा जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के आदेश मानने को कह रहे हैं । कहीं न कही कोई ऐसी बात है जो डॉक्टर अस्थाई जेल में ड्यूटी से बच रहे हैं। जबकि जिलाधिकारी के द्वारा चौबीस घंटे चिकित्सा उपलब्ध कराने के आदेश प्रदान किए हैं।