गाजियाबाद : संवादहीनता से जटिल हो रहा है फीस माफी का मुद्दा- अनादि सुकुल

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गाजियाबाद :- शिक्षाविद एवं समाजसेवी अनादि सुकुल का कहना है कि कोविड-19 ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी तहस-नहस कर दिया है। अब हमें एक नए समग्र प्रयास द्वारा सब कुछ ठीक करना है। जिसके लिए धैर्य, संयम और सोशल डिस्टेंस सबसे मजबूत हथियार है । श्री सुकुल ने कहा कि निश्चित रूप से हम समग्र प्रयास द्वारा कोविड-19 के वायरस को हराने में कामयाब होंगे और एक बार फिर बच्चों की चहल-पहल से सभी स्कूल गुलजार होंगे। शिक्षा जगत जोरदार वापसी करेगा और हमारे बच्चे शिक्षित होकर बेहतर समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

श्री सुकुल ने कहा कि इन दिनों फीस माफी को लेकर जिला प्रशासन के साथ कुछ अभिभावक संघ अलग-अलग तरह से मामले को निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। यकीनी तौर पर अभिभावकों की चिंता स्कूल प्रबंधकों को है क्योंकि कोविड-19 के चलते आर्थिक रूप से सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है लेकिन यह परेशानी स्कूल प्रबंधकों के साथ भी है। प्रशासन और अभिभावकों को भी स्कूल प्रबंधकों की समस्या समझनी चाहिए। हमें समग्र प्रयास कर आपस में बैठकर बीच का रास्ता निकालना चाहिए ताकि जरूरतमंद अभिभावकों को राहत दी जा सके और जो लोग सक्षम हैं वे आगे बढ़कर अपने दायित्वों का निर्वहन करें। श्री सुकुल ने कहा कि इसके लिए सभी स्कूलों को एक कोविड-19 एजुकेशन रिलीफ फंड बनाना चाहिए। जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं जिला अधिकारी सहित स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हो। इस फंड से जरूरतमंद अभिभावकों की मदद की जाए और इस फंड की समीक्षा जिलाधिकारी स्वयं करें तब स्थिति बहुत बेहतर हो सकती है। अभिभावकों एवं स्कूल प्रबंधकों के बीच का टकराव किसी के हित में नहीं है हालांकि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए इस टकराव को बढ़ावा दे रहे हैं। अभिभावकों को समझना चाहिए कि स्कूल प्रबंधकों ने कभी भी अनैतिक दबाव बस नहीं बनाया है लेकिन कुछ लोग अपने आप को जिम्मेदार बताते हुए अभिभावकों को गुमराह करने का काम करें अभिभावकों को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधक हमेशा ही अभिभावकों के हितों की चिंता करते हैं क्योंकि कोई भी स्कूल बच्चों के बिना पूर्ण नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने अभिभावक संघ के साथ बैठक का आयोजन किया था। जहां कुछ अभिभावकों ने बैठक में शामिल होने का प्रयास किया। तब उन्हें में भाग लेने से मना कर दिया गया था। इस मामले में तब से एक नया मोड़ और विवाद पैदा हो गया है कि अभिभावक संघ क्या वास्तव में अभिभावकों का प्रतिनिधित्व कर रहा है।