- रश्मि, संजीव, और आशा को पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
गाजियाबाद :- समाजवादी पार्टी में बहुत दिनों बाद ऐसा जिलाध्यक्ष सामने आया है जो कि अनुशासनहीनता पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए दंडात्मक कार्यवाही करवाने में भी नहीं संकोच करता। सपा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने 2 दिन में लगातार दूसरी बार साबित कर दिया कि समाजवादी पार्टी में उनका जलवा कायम है। उन्होंने पार्टी की छवि धूमिल करने के आरोप में ना सिर्फ विरोधी गुट को तगड़ा झटका दिया बल्कि विरोध का स्वर उठाने वालों को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखला दिया। हालांकि पार्टी के खिलाफ स्वर उठाने वाले लोगों को आलाकमान ने पार्टी से निष्कासित किया है लेकिन इसकी भूमिका वह रिपोर्ट है जो कि जिला अध्यक्ष ने तैयार करके आलाकमान को भेजी थी। जिस पर शत-प्रतिशत पालन करते हुए आलाकमान ने 2 दिन में 5 लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया। स्थानीय स्तर पर पूरे मामले में जिलाध्यक्ष राशिद मलिक गेम चेंजर के रूप में सामने आए जिन्होंने एक झटके से अपने विरोधी खेमे को धराशाई कर दिया।
इस संबंध में सपा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने बताया कि सारे मामले में अनुशासनहीनता की विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी गई थी। जहां से निर्णय लिया गया कि अनुशासनहीनता करने वालों को निष्कासित किया गया है। श्री मलिक ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से किसी के विरोधी नहीं है। हर पार्टी में थोड़े बहुत मतभेद हो जाते हैं लेकिन इसमें अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए।
जिला अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सभी का सम्मान किया और सब को साथ लेने का प्रयास किया है उनके प्यार और स्नेह को कुछ लोगों ने उनकी कमजोरी मान लिया। जिसके बाद सारी मर्यादा एवं हदें तोड़ दी गई। ऐसे में विस्तृत रिपोर्ट भेजने के अलावा उनके पास कोई अन्य रास्ता नहीं था। जिसके बाद आलाकमान ने पूर्व महिला सभा जिलाध्यक्ष रश्मि चौधरी पूर्व मुरादनगर विधानसभा अध्यक्ष संजीव चौधरी एवं महिला कार्यकर्ता आशा सचदेवा को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है। जबकि 1 दिन पूर्व भी पार्टी कार्यालय के बाहर धरना देने वाले सपा कार्यकर्ता सौदान सिंह गुर्जर और मोहम्मद ताहिर को भी निष्कासित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि सूत्रों की माने तो सारे मामले ने विरोधियों को सपा के एक अन्य गुट की शय प्राप्त थी। जो कि पर्दे के पीछे से सारे मामले को संचालित कर रहे थे लेकिन जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने एक ही झटके में विरोधी गुट को बैकफुट पर धकेल ते हुए बाजी मार ली।