नोएडा डीएम को सर्वोच्च न्यायालय की फटकार, राष्ट्रीय गाइडलाइन से अलग गाइडलाइन नहीं हो सकती

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नोएडा :- देश के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नोएडा में घर के अंदर एकांतवास के बजाय संस्थागत एकांतवास किए जाने के फैसले पर जिला अधिकारी सुहास एलवाई को फटकार लगाई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर पर आवागमन को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कोर्ट ने कहा कि एकांतवास के लिए जो राष्ट्रीय गाइडलाइन तय की गई हैं उससे अलग गाइडलाइन नहीं हो सकती। इससे अराजकता पैदा होगी।

 सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि एकांतवास के लिए किस नियम का पालन हो रहा है? सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार से कहा है कि वह देखे कि नोएडा में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज के लिए एकांतवास का क्या नियम लागू किया जा रहा है? नोएडा के लिए एकांतवास का जो नियम बनाया गया है उस पर पुनर्विचार करें। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की वकील ने जिला अधिकारी सुहास एलवाई पर सर्वोच्च न्यायालय के तरफ से टिप्पणी से इनकार किया है। उत्तर प्रदेश के स्टैंडिंग काउंसिल गरिमा प्रसाद ये बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने जिला अधिकारी सुहास एलवाई को लेकर कोई टिप्पणी नहीं किया है। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में एकांतवास को लेकर मात्र पक्ष साफ़ करने को कहा था कि क्या यह राष्ट्रीय गाइडलाइन के अनुसार है या नहीं?