अब ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने आगे आई योगी सरकार

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  • मुख्यमंत्री योगी ने 31,938 स्वयं सहायता समूहों को दी 218.49 करोड़ की सहायता
  • रिवॉल्विंग फंड एवं सामुदायिक निवेश निधि का ऑनलाइन किया हस्तांतरण

लखनऊ :- स्वरोजगार से स्वावलम्बन की ओर कदम बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 31,938 स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रुपये की रिवॉल्विंग फण्ड एवं सामुदायिक निवेश निधि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

इस मौके पर उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर इन महिलाओं को किया प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वह गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बनायें, सरकार उनकी पूरी मदद करेगी। इस दौरान ग्राम्य विकास एवं समग्र विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ व राज्य मंंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला भी मौजूद रहे।

वनटांगिया, मुसहर व थारू जनजाति की महिलाओं को भी मिली सहायता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के समय में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बनने वाली महिला स्वयं सेवी समूह को आज एक साथ इनती बड़ी सहायता प्रदान की जा रही है। इन स्वयं सहायता समूहों में बड़ी संख्या वंचित समाज की महिलाओं की भी भागीदारी है। 196 वनटांगिया, 2477 मुसहर, 366 थारू जनजाति की महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ये सहायता मिली है। मास्क समेत सिलाई, कढ़ाई, पत्तल, मसाले जैसे उत्पादों के लिए काम कर रही महिलाओं को बड़ी सहायता दी गई है। इनमें ज्यादातर प्रवासी कामगारों व श्रमिकों के परिवारों की महिलायें हैं।

ग्रामीण स्वावलम्बन का बन सकता है आदर्श उदाहरण
उन्होंने कोरोना संकट के समय महिला स्वयं सेवी समूह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क बनाने का काम किया। यह बेहद सराहनीय है और हम महिला स्वयं सेवी समूह से जुड़ी अपनी सभी बहनों का इसके लिए अभिनंदन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग समय पर रिवॉल्विंग फण्ड एवं सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध कराते हैं तो यह ग्रामीण स्वावलम्बन का आदर्श उदाहरण बन सकता है।

महिला स्वयं सहायता समूहों ने बनाये 57 लाख से अधिक मास्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय कोरोना योद्धाओं से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर कार्य कर रहे लोगों के लिए मास्क, फेस कवर आदि बेहद मददगार हो सकता है। महिला स्वयं सहायता समूह ने इसे बनाकर बहुत बड़ा कार्य किया है। वहीं कुछ ने तो पीपीई किट भी बनाई है, जो कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। प्रदेश में 12,000 से अधिक महिला स्वयंसेवी समूहों ने 8 करोड़ मूल्य के 57 लाख से अधिक मास्क और 8,000 से अधिक सेनेटाइजर बनाए हैं। 27,000 से अधिक पीपीई किट का निर्माण प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में महिला स्वयंसेवी समूहों ने किया है।

महिला स्वयं सेवी समूह के रूप में बहुत बड़ी प्रतिभा हमारे बीच
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बताता है कि महिला स्वयं सेवी समूह के रूप में बहुत बड़ी प्रतिभा हमारे बीच है। इन्हें थोड़ा मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिल जाए तो यह कुछ भी कर सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं सेवी समूह से जुड़ी महिलाओं और प्रवासी कामगारों से बातचीत की है, इससे महसूस हुआ है कि इन्हें प्रोत्साहन की जरूरत है।

प्रवासी कामगारों की दक्षता का उप्र को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 25-30 लाख प्रवासी कामगार आने वाले हैं। 20 लाख से अधिक आ चुके हैं। हम उनकी स्वास्थ्य जांच, भोजन, राशन और आर्थिक मदद करने के साथ उनकी कार्य दक्षता की सूची बना रहे हैं। इन सभी का उपयोग उत्तर प्रदेश के अन्दर किया जायेगा। सरकार उनकी मदद करेगी, जिससे इनकी प्रतिभा का लाभ राज्य को मिले। उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर खड़ा हो सके।

स्कूल यूनिफार्म, स्वेटर, बैग से मुनाफा कमा सकते हैं महिला स्वयं सेवी समूह
मुख्यमंत्री ने कहा कि उदाहरण के तौर पर देखें तो राज्य सरकार 3.60 करोड़ यूनिफार्म 1.80 करोड़ बच्चों के लिए उपलब्ध कराती है। इसी तरह 1.80 करोड़ स्वेटर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की ओर से दिये जाते हैं। अगर महिला स्वयं सेवी समूह के जरिए स्कूल ड्रेस, स्वेटर या बैग आदि बनाने का काम किया जाए तो सरकार इन्हीं के जरिए ये बच्चों को उपलब्ध करायेगी। इस तरह महिला स्वयं सेवी समूह मुनाफा कमा सकते हैं।

इच्छा शक्ति और कार्य करने का जज्बा
उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सेवी समूहों से कहा गया कि प्रयास किये जाए कि दस रुपये में दो मास्क उपलब्ध करायें। सरकार उन्हें कपड़ा प्रदान कर रही है। इस तरह समाज के सुरक्षित होने के साथ-साथ महिला स्वयं सेवी समूह से जुड़ी महिलाओं को काम भी मिल रहा है। सरकार सभी की उपयोगिता का उचित प्रयोग करेगी। हमारी इच्छा शक्ति और कार्य करने का जज्बा अगर बना रहेगा तो कोई कमी कार्य की नहीं होगी।

प्रदेश सरकार के मुताबिक कोरोना के मद्देनजर वापस लौटे परिवार व व्यक्ति, जो किसी व्यवसाय, कार्य में दक्षता रखते हैं और अपने क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों के साथ कार्य करने के इच्छुक हैं, वह www.upsrlmactivity.com पर पंजीकरण करा सकते हैं।