Lucknow :’लोकल’ उत्पादों को ‘ग्लोबल’ बनाने की तैयारी

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चीन से हो रहा पलायन, दुनिया कर रही नफरत: योगी आदित्यनाथ , उप्र सरकार की एमएसएमई सेक्टर के जरिए ‘लोकल’ उत्पादों को ‘ग्लोबल’ बनने की तैयारी

लखनऊ :- केन्द्र सरकार के आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही योगी सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को कोरोना संकट से उबारने में जुट गई है। सरकार की कोशिश है कि लाखों कामगारों की प्रदेश में वापसी के मद्देनजर ‘लोकल को ग्लोबल’ बनाकर रोजगार के नये अवसर प्रदान किये जाएं और बदली वैश्विक परिस्थितियों में जब चीन दुनिया के अन्य देशों के निशाने पर है, तो इसका लाभ उठाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि आज पूरी दुनिया चीन से पलायन कर रही है। एक तरह से नफरत सी कर रही है। पूरी दुनिया जिस वैश्विक महामारी कोरोना को झेल रही है, प्रत्येक व्यक्ति देख रहा है कि इसके पीछे कहीं न कहीं चीन है। इन स्थितियों में हमें एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने की दरकार है। इसी कड़ी में उन्होंने इस सेक्टर के 56,754 उद्यमियों को एकमुश्त 2,002 करोड़ का ऋण प्रदान किया।

उप्र में आना चाहिए केन्द्र के भारी भरकम पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए कल इतना भारी भरकम पैकेज घोषित हुआ है तो उसका सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आना चाहिए। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर है। उन्होंने कहा इस बात के प्रयास हों कि उत्तर प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर इसके सबसे बड़े हिस्से को लेकर लाभान्वित हो।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान से प्रतिवर्ष दो लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार की विश्वकर्मा श्रम सम्मान की एक और कार्ययोजना चल रही है। इसमें हमने 15 श्रेणी तय की हैं, इनके जरिए हर गांव के लोगों को जोड़कर हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा कार्य हो सकता है। हम विश्वकर्मा श्रम सम्मान में डेढ़ से दो लाख लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार और नौकरी के साथ जोड़ने का कार्य कर सकते हैं। इसी प्रकार ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ व अन्य योजनाएं जो हमने प्रदेश में आरम्भ की हैं, अगर उन सबको हम इस कार्य में जोड़ लेंगे तो बहुत बड़ा कार्य हो सकता है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अपार सम्भावनाएं हैं।

प्रवासी श्रमिकों के साथ पहले से मौजूद लोगों को मिले रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई ‘साथी’ ई- पोर्टल, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) व अन्य योजनाओं के माध्यम से हमारा प्रयास होना चाहिए कि सभी प्रवासी श्रमिकों और जो लोग पहले से कार्य कर रहे हैं उन सबको कोई न कोई रोजगार, नौकरी व अन्य कार्यों के साथ जरूर जोड़ा जाए। प्रसन्नता की बात है कि यह कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है।

देश में मनरेगा में रोजगार देने में उत्तर प्रदेश अव्वल
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अभी मनरेगा के अंतर्गत रोजगार देने में अग्रणी प्रदेशों में है। हम लोग कल तक मनरेगा के माध्यम से 25 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार दे रहे थे। हमारी यह संख्या और बढे़गी। हम लोगों ने हर गांव में रोजगार सेवक तैनात किए हैं। मुख्यमंत्री ने अनुमान जताया कि इनके जरिए जो कार्य प्रारम्भ हुआ है, उसकी बदौलत इस महीने के अंत तक हम इसे 50 लाख लोगों तक लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार व उनकी सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने, उन्हें भरण पोषण भत्ते के साथ जोड़ने, उनके लिए खाद्यान्न की योजनाएं देने और साथ ही अन्य कई योजनाओं को भी हम आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं

प्रदेश में बनने लगे वेंटिलर, सभी 75 जनपदों में उपलब्ध
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में वेंटिलेटर्स भी बनने प्रारम्भ हो चुके हैं। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं। यह न केवल कोरोना के उपचार के लिए बल्कि विभिन्न प्रकार की विषाणुजनित बीमारियों, इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, कालाजार, चिकनगुनिया आदि के गंभीर मरीजों के लिए भी उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में कोविड के लिए एल-1, एल-2 वएल-3 के 55,000 बेड उपलब्ध करा चुके हैं। हर जनपद में एल-1, एल-2 के हाॅस्पिटल हैं व एल-3 के हाॅस्पिटल हर कमिश्नरी में उपलब्ध हो चुके हैं। यह निरंतर किए गए प्रयास का परिणाम है।