Maharashtra: 36 में से 34 जिलों में फैला कोरोना

Share

बीते माह मुंबई दौरे पर आए केंद्रीय टीम ने मई महीने में रिकॉर्ड संख्या में लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताई थी। हालांकि राज्य सरकार ने एक लाख मरीज होने की संभावना व्यक्त की है। समझा जा रहा है कि लॉकडाउन-3 शुरू होने के साथ ही मुंबई में ऐसी परिस्थिति नजर आने लगी है। प्रतिदिन औसतन मुंबई में तीन दर्जन कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं।

विश्वव्यापी कोरोना महामारी का सर्वाधिक प्रकोप झेल रहे महाराष्ट्र में अब हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। सूबे के 36 जिलों में से 34 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। वहीं, राजधानी मुंबई में कोरोना संक्रमण विकराल रूप धारण करता जा रहा है।
इसके चलते अब रेसकोर्स और एमएमआरडीए जैसे मैदानों में भी तंबू तानकर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेड लगा दिए गए हैं। दूसरी ओर निजी डॉक्टरों को भी फरमान जारी कर दिया गया है कि वे भी सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दें अन्यथा उनके लाइसेंस खत्म कर दिए जाएंगे।
राज्य चिकित्सा-शिक्षा अनुसंधान बोर्ड के निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मुंबई के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 रोगियों के उपचार में निजी डॉक्टरों को महीने में कम से कम 15 दिन तक सेवाएं देनी होगी।
माना जा रहा है कि मुंबई में कोरोना संक्रमण की स्थिति और भयानक हो सकती है। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट, रेलवे और भारतीय सेना और नौसेना सहित केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों से आईसीयू में बेड उपलब्ध कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद पहल कर केंद्रीय वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है। सरकार का मानना है कि मई महीने में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक होगी।