– ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में शामिल फ़र्ज़ी पत्रकार के बाद 2 अन्य गिरफ्तार
लखनऊ :- उत्तर प्रदेश शासन ने सवा करोड़ रुपये में अपना ट्रांसफर लखनऊ विकास प्राधिकरण में कराने की डील करने वाले आईएएस आईपी पांडेय पर आज आखिरकार गाज गिर ही गयी। आईपी पांडेय को राजस्व परिषद से सम्बद्ध कर दिया गया है।
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बता दें कि आईपी पांडेय विशेष सचिव आबकारी के पद पर थे। आई पी पांडेय के एक रिश्तेदार कमलेश और पत्रकारिता की आड़ में दलाली करने वाले शख्स पीयूष अग्रवाल से संबंधित एक ऑडियो “दा: राजनीति” चैनल पर चलने के बाद शासन स्तर से ये तीसरी बड़ी कार्यवाई है।
इस मामले में सबसे पहले एसटीएफ ने दलाल पीयूष अरेस्ट को किया था। उसके बाद एक बिचौलिये गौरीकांत दीक्षित और आईएएस के रिश्तेदार कमलेश को किया अरेस्ट किया गया। ट्रांसफर पोस्टिंग के इस खेल में शामिल तीनो अभियुक्तों से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने शासन को IAS आईपी पांडेय के खिलाफ एक रिपोर्ट भी भेजी थी। माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर विशेष सचिव आबकारी के पद पर तैनात आईएएस आईपी पांडेय को हटा कर राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है।
काबिलेगौर है कि नोएडा से संचालित डिजिटल चैनल “दा: राजनीति” पर गाज़ियाबाद के एक दलाल की खबर दिखाई गई थी। इस खबर में पीयूष अग्रवाल नाम के एक शख्स को एक आईएएस को मनचाही पोस्टिंग दिलाने के लिए दलाली करते दिखाया गया था। खबर ट्रांसफर पोस्टिंग की दलाली के एक ऑडियो पर आधारित थी जिसमें आईएएस के रिश्तेदार और दलालनक बीच बात चीत हो रही है। दलाली की रकम सवा करोड़ रुपये तय हुई थी जिसमें से पेशगी के तौर पर 15 लाख रुपए की अदायगी भी हो गयी थी। इस दलाली का पर्दाफाश दिग्गज़ पत्रकार प्रवीण साहनी ने अपने डिजिटल चैनल “दा: राजनीति” पर किया था।
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जिस दौर में किसी ख़बर में सरकार का नाम आ जाने से बड़े बड़े पत्रकार और पत्रकारों को पसीना छूट जाता है और ख़बर को ड्राप कर दिया जाता है, उस दौर में दिग्गज़ पत्रकार प्रवीण साहनी ने अपने चैनल “दा: राजनीति” में दलाली की एक ऐसी सच्चाई दिखाई जिसकी तपिश लखनऊ तक पंहुची तो हल्ला भी मचा। खबर में एक दलाल सरकार की छवि को तार-तार करता दिखाई और सुनाई दिया तो सरकार भी हरक़त में आई। सरकार ने “दा: राजनीति” की खबर को गंभीरता से लिया और STF से मामले की जांच कराई। एसटीएफ ने मामले की जांच के बाद आज सरकार की छवि दागदार करने वाले दलाल पीयूष अग्रवाल को गिरफ़्तार कर लिया। एसटीएफ के मुताबिक पीयूष अग्रवाल ख़ुद को डीडी न्यूज़ का पत्रकार बताता था। उसके कब्जे से डीडी न्यूज़ का एक आई कार्ड भी बरामद हुआ था जो फ़र्ज़ी पाया गया था। उसके बाद कमलेश और गौरिकान्त दीक्षित को भी STF ने गिरफ्तार कर लिया था।