गाजियाबाद :- सोशल मीडिया में कब कौन सा वीडियो वायरल कर किसको बदनाम कर दिया जाए कोई भरोसा नहीं है। क्योंकि लोगों को बिना वीडियो की सत्यता जाने ही उसे आगे फॉरवर्ड करने की आदत बनी हुई है, और वायरल करने वाले अपनी साजिश में कामयाब हो जाते है।
ऐसी ही कहानी आज कल सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है, जिसमे एक आईपीएस की छवि को बदनाम करने की साजिश की बू आ रही है। दरअसल एक पुराना वीडियो वायरल किया गया है, वायरल किया जा रहा वीडियो एक आईपीएस का बताया है।
वीडियो वायरल हो जाने पर पत्रकार चंदन राय ने खुलासा करते हुए वीडियो को फर्जी बताया। पत्रकार चंदन राय ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर खुलासा करते हुए कहा-
“कृपया अफवाहों से बचे”
“2015 में मेरे दोस्त के साथ पार्टी के वीडियो को एक बार फिर बद नियति के तौर पर वायरल किया जा रहा है. इस मामले में मैं पहले भी और एक बार फिर आज DGP और NHRC को शिकायत कर चुका हूं”।
पत्रकार चंदन राय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा- “2015 की एक वीडियो को एक बार फिर से वायरल कर एक अधिकारी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैं उक्त मामले में बता देता हूं कि इस संबंध में मैंने 2015 में भी शिकायत थाना इंदिरापुरम में दर्ज कराई थी और उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया के साथ-साथ मानव अधिकार आयोग में भी इस मामले में शिकायत दर्ज है। अगर कोई भी व्यक्ति उक्त वीडियो को वायरल कर अफवाह फैला आता है तो मैं उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई करूंगा”
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारीयों के बीच की तकरार जगजाहिर है, और वायरल किये वीडियो को देखकर यही लगता है की ये उसी तकरार के चलते रची गई एक साजिश का हिस्सा है।