तूफान अम्फान के कारण ओडिशा के 4 तटीय जिलों को खतरा, CM ने की समीक्षा

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सरकार पूर्ण रूप से तैयार, लोग आतंकित न हों : नवीन पटनायक

भुवनेश्वर :- दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन अम्फान उत्तर व उत्तर-पश्चिम की दिशा में अग्रसर हो रहा है। यह साइक्लोन रविवार सुबह तक यह छह किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में यह ओडिशा के पारादीप के दक्षिण में एक हजार किमी की दूरी पर स्थित है। यह आगामी 12 घंटों में सिवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रूप में परिवर्तित होगी। इसी तरह 18 की सुबह यह वेरी में सिवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रुप में परिवर्तित हो जाएगी। 20 मई को यह उत्तर ओडिशा व बंगाल के बीच कही भूमि को स्पर्श करेगी। यह कहां लैंडफाल करेगी इसके बारे में मौसम विभाग अभी तक सही आकलन नहीं कर सका है।

उधर संभावित तूफान अम्फान से मुकाबले को लेकर राज्य के 12 जिले व विशेष कर चार तटीय जिलों में राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसी क्रम में शनिवार देर शाम को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्य के मुख्य सचिव ने 12 जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों से संभावित तूफान की तैयारियों को लेकर समीक्षा की।

इस समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के काम को काफी अच्छे ढंग से करने के कारण जिलाधिकारी व वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना की तथा इस तूफान के मुकाबले के लिए स्टैंडर्ट ऑपरेटिंग प्रोसिजर के अनुसार कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसमें जैसे किसी की जान की हानी न हो इस बात पर प्रशासन को ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि कच्चे घरों व एजबेस्टेस घरों में रहने वाले लोगों को यदि आवश्यक हो तो सुरक्षित स्थानों पर लिए जाने का प्रबंध किया जाए ताकि नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। आश्रय स्थलों को उससे पहले ठीक रखने के लिए प्रबंध करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी राज्य की जनता अनेक बार तूफानों का सामना कर चुकी है। इसलिए लोगों को आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है तथा सरकार को उन्हें सहयोग करना चाहिए। उन्होंने इस बैठक में कहा कि एनडीआरएफ, ओड्राफ व अग्निशमन विभाग की टीमों को अलर्ट पर रखकर निचले इलाके तथा कच्चे घरों से लोगों को सुरक्षित लाने के लिए योजना जिला प्रशासन तैयार करे। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि तूफान के बाद सड़क, बिजली, व पेयजल आपूर्ति को स्वाभविक करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तैयार रखें। इसके लिए उन्हें लोक निर्माण, ऊर्जा, पंचायतीराज व पेयजल व शहरी विकास विभाग के बीच बेहतर समन्वय रखकर काम करने के लिए उन्होंने सलाह दी।

बैठक में बताया गया कि तूफान से सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका वाले केन्द्रापडा, भद्रक, बालेश्वर व मयुरभंज जिले में एक लाख हैक्टयर की जमीन पर रवि फसल व सब्जी की खेती को नुकसान होने की आशंका है। इस कारण किसानों को अधिक से जागरुक करने के लिए कहा गया।

विशेष राहत कमिश्नर प्रदीप जेना ने बताया कि तूफान अम्फान के दौरान 11 लाख लोग रह पाने जैसे 567 तूफान आश्रय स्थल व 7000 पक्का घरों को तैयार रखा गया है। इसके साथ अभी तक एनडीआरएफ की तीन टीमें तथा ओड्राफ की 12 टीमें एवं 355 अग्निशमन युनिट इन चार जिलों में भेजी जा चुकी है।

बैठक में यह भी बताया गया कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा अंफान के कारण 18 मई से ही कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने तथा 19 व 20 को तटीय ओडिशा में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है। इससे 12 जिलों में प्रभाव होने का अनुमान लगाया गया है।

इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव, विकास कमिशनर, पुलिस महानिदेशक, विशेष राहत कमिशनर, सभी विभागों के सचिव व गंजाम, पुरी, नयागढ, खोर्धा, कटक, ढेंकानाल, केन्द्रापडा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालेश्वर, भद्रक व मयुरभंज जिले के जिलाधिकारी उपस्थित थे।