लाॅक डाउन के बाद उद्योगों को पुनः चालू करने के लिए इस योजना के साथ काम करेगी योगी सरकार

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  • मुख्यमंत्री ने कोविड-19 रिस्पाॅन्स-एन इण्डस्ट्रियल रिवाइवल स्ट्रैटजी पर प्रस्तुतीकरण को देखा

लखनऊ :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 रिस्पाॅन्स-एन इण्डस्ट्रियल रिवाइवल स्ट्रैटजी पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन के चलते वर्तमान में प्रदेश की अधिकांश औद्योगिक गतिविधियां रुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि लाॅक डाउन की समाप्ति के उपरान्त इन्हें पुनः चालू करने के लिए एक ठोस प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पूरी सकारात्मकता के साथ बनाया जाए।

बदली परिस्थितियों में निवेश में अहम भूमिका सकता है उप्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में भारत अब निवेश का एक अच्छा गंतव्य हो सकता है। इसमें उत्तर प्रदेश बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसलिए निवेशकों को यह संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में निवेश बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। सभी निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को सक्रिय करने, प्रस्तावित इकाइयों को धरातल पर उतारने और नये निवेश को आकर्षित करने के लिए रणनीति बनायी जाए। निवेशकों की समस्याओं को तत्काल शासन के संज्ञान में लाया जाए।

श्रम कानूनों की समीक्षा कर सुधार करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को फिर से चालू करने के लिए एक प्रभावी योजना बनायी जाए। उन्होंने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में मौजूद विभिन्न नीतियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रम कानूनों की समीक्षा करने और उनमें सुधार करने के भी निर्देश दिए।

लैण्ड बैंक बनाने पर जोर

उन्होंने सम्भावित निवेशकों की आवश्यकताओं के मद्देनजर लैण्ड बैंक बनाने पर जोर देते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण की नई नीति पर भी विचार हो। प्रदेश में मौजूद सिक यूनिट्स की समीक्षा करते हुए उनकी ग्राह्यता पर विचार किया जाए। इनकी भूमि का बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, इस पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने बीमार इकाइयों पर निर्णय लेने के भी निर्देश दिए।

उद्योगों को दोबारा चालू करने पर वित्तीय व्यवस्थाओं पर फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को पुनः चालू करने के लिए वित्तीय व्यवस्थाओं पर भी फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फार्मा सेक्टर में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। इसलिए इस पर पूरा ध्यान दिया जाए। उन्होंने लखनऊ में फार्मा पार्क स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशने के लिए भी कहा है।

मुख्यमंत्री के समक्ष अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए उन्हें इण्डस्ट्रियल रिवाइवल स्ट्रैटजी के विषय में अवगत कराया। इसके तहत मौजूदा उद्योगों, एग्जिस्टिंग इन्वेस्टमेंट पाइपलाइन तथा नये निवेशों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने मौजूदा उद्योगों के लिए भारत सरकार की योजनाओं के तहत उन्हें अधिक से अधिक लाभान्वित करने की योजना पर प्रकाश डाला।

उद्योगों को चालू करने के लिए नियमों में छूट पर विचार

उन्होंने विभिन्न राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटे श्रमिकों के सेवायोजन के सम्बन्ध में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को चालू करने के लिए नियमों में छूट देने पर भी विचार किया जा सकता है।

उद्योगों के लिए ऋण की उपलब्धता

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उद्योगों के लिए ऋण की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए भारत सरकार और बैंकों से उद्योगों को ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समन्वय स्थापित करना आवश्यक होगा।

एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान जरूरी

उद्योगों के पुनर्संचालन के लिए एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके लिए उनसे सम्बन्धित टैक्स एण्ड काॅम्प्लायेन्सेज, एप्रूवल्स के इश्यूज का प्रभावी समाधान करना होगा। उनके फाइनेंशियल और लिक्विडिटी से सम्बन्धित इश्यूज का भी समाधान करना होगा। इसके अलावा, ऑपरेशनल एण्ड पाॅलिसी रिलेटेड इश्यूज का भी समाधान सुनिश्चित करना होगा। उनके निर्यात सम्बन्धी मुद्दों को भी हल करना होगा।

एग्जिस्टिंग इन्वेस्टमेंट पाइपलाइन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने बताया कि इसके लिए फास्टर इश्यू रिजोल्यूशन एण्ड होल्डिंग पर फोकस करना आवश्यक होगा।

उप्र में नया निवेश आने की प्रबल सम्भावनाएं

नये निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रदेश में नया निवेश आने की प्रबल सम्भावनाएं मौजूद हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें आकर्षित करने के लिए रणनीति बनायी जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी इकाइयों को आकर्षित करने के लिए जो नीति बनायी जाए, उसमें इनके लिए प्रोत्साहन पर विशेष बल दिया जाए।