कोरोना की यूपी यात्रा, 15 दिन में सात गुना हुई संक्रमितों की संख्या

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  • प्रभावित जिलों की संख्या 15 से हुई 44, मौत के आकड़े में भी इजाफा

लखनऊ :- कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन कुछ लोगों की गैरजिम्मेदराना हरकतों ने समूचे राज्य को हलाकान कर रखा है। नतीजा यह हुआ कि कोरोना संक्रमितों की जो संख्या मार्च माह में सौ का आकड़ा बमुश्किल पार कर पाई थी, वह अप्रैल के पहले पखवारे में ही सात गुना बढ़ गई।

सूबे की योगी सरकार ने मार्च माह में ही कातिल कोरोना की गति को नियंत्रित करने में काफी सफलता प्राप्त कर ली थी और वायरस का  प्रभाव प्रदेश के मात्र 15 जिलों तक सिमट गया था। लेकिन, तब्लीगी जमात ने सरकार के प्रयास पर पानी फेर दिया। परिणामस्वरुप कोरोना का संक्रमण 01 से 15 अप्रैल के बीच राज्य के 44 जिलों को अपनी जद में ले लिया। इस दौरान इस वायरस ने 12 लोगों की जान भी ले ली।

ये रहा कोरोना के सफर का आंकड़ा 
खूनी कोरोना ने चीन के वुहान शहर से चलकर ताज नगरी आगरा के रास्ते तीन मार्च को उत्तर प्रदेश में प्रवेश किया था। मार्च के अंतिम दिन तक प्रदेश में इससे संक्रमितों की संख्या 103 थी। इस दौरान इसका प्रसार 15 जिलों तक हुआ, लेकिन पूरे माह तक यह किसी की जान न ले सका, बल्कि 17 लोग इससे जंग जीतकर स्वस्थ हो गये और अस्पतालों से अपने घर पहुंच गये। 
इस बीच तब्लीगी जमात के लोग पूरे प्रदेश में फैल गये थे। उनके असहयोग के चलते कोरोना संक्रमितों की संख्या मात्र चार दिनों में ही दो सौ के पार पहुंच गई और चार अप्रैल को यह संख्या 247 रही। इन्हीं चार दिनों में ही दो लोगों की कोरोना से मौत भी हो गई। इसके बाद मात्र तीन दिन में सात अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 348 हुई और मृतकों की संख्या तीन तक पहुंची। फिर दो दिन के अंदर ही आंकड़ा 425 तक पहुंचा और मृतकों की संख्या चार हो गई।

इसी तरह चार दिन बाद 13 अप्रैल को 639 लोग कोरोना से संक्रमित पाये गये और तब तक आठ लोगों की मौत का यह वायरस कारण भी बन चुका था। 15 अप्रैल शाम तक मिले आंकड़े के अनुसार कोरोना अब तक प्रदेश के 44 जिलों में अपना पांव पसार चुका है और 727 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि इन संक्रमितों में 428 मरीज तब्लीगी जमात के हैं।

अब तक 12 मौतें, 55 ने जीती जंग 
उप्र में कोरोना वायरस के कारण अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें सर्वाधिक आगरा में चार, मुरादाबाद में दो और लखनऊ, बस्ती, मेरठ, वाराणसी, बुलंदशहर तथा कानपुर में एक-एक की मौत हुई है। 31 मार्च को बस्ती जिले का 25 वर्षीय युवक की प्रदेश में पहली मौत हुई थी। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा था। बुधवार को राजधानी लखनऊ में 64 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। कोरोना से राजधानी की यह पहली लेकिन प्रदेश की 12वीं मौत है। वहीं, पूरे प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव के 55 मरीज अब तक स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। 

अलीगढ़ और पीलीभीत हुए कोरोना मुक्त 
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के दो प्रभावित जिले अलीगढ़ और पीलीभीत अब कोरोना मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को अलीगढ़ के इकलौते कोरोना पॉजिटिव मरीज की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसी के साथ अलीगढ़ आज कोरोना मुक्त हो गया। उन्होंने बताया कि इससे पहले पीलीभीत जिला कोरोना मुक्त हुआ था। पीलीभीत जिले में कोरोना के दो मामले थे। इनमें से एक पहले ही ठीक हो चुका था, वहीं दूसरे मरीज को भी मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।