पीएम मोदी ने देशभर के सरपंचों से बात कर कहा- गांवों ने दुनिया को दिया ‘दो गज दूरी का मंत्र’

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नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देशभर के सरपंचों से बात की। इस दौरान उन्होंने एकीकृत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल भी लांच किया ताकि गांव की विकास परियोजनाओं पर नजर रखी जा सके। शुक्रवार को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट ने काम करने का तरीका बदल दिया है। इस महामारी ने कई मुसीबतें खड़ी कीं, लेकिन उसने आत्मनिर्भर बनने का सबक भी दिया।

जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, बिहार व उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के सरपंचों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मुझे गांव के प्रधान से भी बात करने का सौभाग्य मिलता है और दुनियाभर के बड़े-बड़े देशों के प्रधान से भी बात करने का मौका मिलता है। कभी-कभी मुझे लगता है कि जीवन की सच्ची शिक्षा की परीक्षा संकट के समय ही होती है। इस कोरोना संकट के दौरान देश के गांवों में रहने वाले लोगों ने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं। गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वह बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का या कहें ‘दो गज देह’ की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। यह आप लोगों का ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।

सरपंचों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी इस मुश्किल परिस्थिति में भी गांवों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। महात्मा गांधी कहते थे कि उनके स्वराज की कल्पना का आधार ग्राम स्वराज ही है। इसलिए ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की एकजुट शुक्ति का केंद्र हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र एकजुटता में ही है। इसलिए आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत गांवों की सामुहिक शक्ति से ही है। आप सभी की एकजुटता से ही यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में भारत का नागरिक सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने की बजाय उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है। यह सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए नए-नए तरीके खोजते हुए देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है।

सरकार और जनता के बीच जब विश्वास होता है तो कितने ही बड़े संकट को पार किया जा सकता है।  इस बार जो लड़ाई हम जीत रहे हैं, उसका मूल कारण विश्वास है। खुद पर भी विश्वास है और व्यवस्थाओं पर भी विश्वास है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले इस कार्यक्रम को आमने-सामने रहकर करते थे। लेकिन आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 5-6 साल पहले एक दौर वह भी था जब देश की 100 से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। अब 1.25 लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी 3 लाख को पार कर रही है। सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया है, उसी का परिणाम है कि आज गांव-गांव तक कम दामों वाले स्मार्ट फोन पहुंच चुके हैं। आज जो इतने बड़े स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही हैं, यह सब इसी के कारण संभव हो पाया है।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। साथ ही, स्वामित्व योजनाओं की भी शुरुआत की। आज लॉन्च हुए ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी। इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की अनोखी पहल है जिससे ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए एकल स्थान मिल जाएगा। वहीं स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी और शहरों की तरह गांवों में भी बैंकों से लोक लिया जा सकता है।