- समस्याओं की सुनवाई के साथ कोरोना संदिग्धों की पहचान, काउंसिलिंग और इलाज में भी मदद
लखनऊ :- उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर पीड़ितों के लिए संजीवनी बन गई है। इससे अब तक 01 लाख, तीन हजार, आठ सौ सत्तर शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। यह हेल्पलाइन सिर्फ जरूरतमंदों की मदद ही नहीं कर रही है, बल्कि संदिग्धों की पहचान, उनकी काउंसिलिंग और चिकित्सकीय सुविधा भी मुहैया करा रही है। दरअसल सीएम हेल्पलाइन पर ऐसी शिकायतों के निस्तारण के लिए अलग से कोविड डैशबोर्ड बनाया गया है। इस पर सिर्फ लॉकडाउन से होने वाली समस्याओं को ही सुना जा रहा है।
राजधानी लखनऊ के रतनपाल (7607255808) का मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 पर फोन आता है। वह बताते हैं कि उनको उनकी दवाएं नहीं मिल रही हैं। सीएम हेल्पलाइन पर उनकी समस्या सुनने वाले ने तुरंत संज्ञान लिया। स्थानीय अधिकारी को इस बारे में बताया गया। थोड़ी देर बाद उन तक दवाएं पहुंच गयीं।
इसी तरह गौतमबुद्ध नगर के शंकर सिंह सीएम हेल्पलाइन को बताते हैं कि उनके घर पर राशन खत्म हो गया है। थोड़ी देर बाद जिला आपूर्ति अधिकारी की ओर से उनके घर जरूरी राशन पहुंच जाता है। सीएम हेल्पलाइन से मदद पाने वाले रामरतन और शंकर सिंह जैसे लोगों की संख्या एक लाख से अधिक है।
विदेश से आये लोगों पर भी नजर
उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना सलाहकार डा. रहीस सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन के जरिए छह मार्च के बाद विदेश से आने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। ऐसे 5 हजार से अधिक लोगों को उनके मोबाइल पर एसएमसस के जरिए एक वेब लिंक भेजा गया। उनसे कहा गया कि वह संबंधित वेब लिंक पर क्लिक कर मोबाइल एप इंस्टाल कर उस पर अपना विवरण दर्ज करें। इसके अलावा 28 दिनों तक हर रोज अपने स्वास्थ्य का ब्यौरा उस पर भेजें। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन लगातार आशा वर्कर के भी संपर्क में है। उनसे कहा गया है कि वह लगातार अपने क्षेत्र में भ्रमण पर रहें। इस दौरान बाहर से आये लोगों और संदिग्ध कोरोना पीड़ितों की जानकारी एकत्र करें। इनकी सूची तैयार कर संगिनी के जरिए बीसीपीएम को सूचित करें। ऐसे लोगों को यह भी सलाह दें कि वह 14 दिनों तक घरों में ही रहकर खुद को परिवार के लोगों से अलग रखें। प्रदेश से बाहर रहने वाले जिन लोगों की शिकायतें हेल्पलाइन पर प्राप्त हो रही हैं उनको संबंधित राज्यों के लिए बनाए गये नोडल अधिकारियों को भेज दिया जा रहा है।
गुणवत्ता जानने के लिए लिया जा रहा फीडबैक
समस्याएं सिर्फ सुनीं ही नहीं जा रही है, बल्कि समस्याओं का त्वरित समाधान भी हो रहा है। इसकी निगरानी के लिए कुछ शिकायतकर्ताओं से फीडबैक भी लिया जा रहा है।