एक कहावत है कि जब संईया भए कोतवाल तो डर काहे का, इस कहावत का यथार्थ रूप देखना है तो गाजियाबाद जिले की वसुंधरा चौकी क्षेत्र का भ्रमण कर लीजिए, वाहन चोरों के लिए तो ये इलाका सबसे सेफ जोन है। अगर आप इस क्षेत्र के निवासी है और अपने परिवार की सुविधानुसार दोपहिया या चारपहिया वाहन खरीदते हैं या आपके पास पहले से ही कोई वाहन है तो यकीन मानिए आपको ये मानकर चलना पड़ेगा कि वो वाहन आपका नहीं बल्कि चोरों का है। हैरान करने वाली बात तो ये है कि इलाके में वाहन चोरी की घटनाओं की बाढ़ सी आने के बाद भी इस वसुंधरा चौकी के इंचार्ज जनाब जितेंद्र बालियान की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी। दुनिया भर में मशहूर कवि कुमार विश्वास भी चोरों की चंट चाल से अछूते नहीं हैं, हालही मे उनके घर के बाहर खड़ी उनकी फॉर्च्यूनर कार चोर ले उड़े लेकिन दरोगा जितेंद्र बालियान के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
बालियान के कारनामे केवल वाहन चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने मे फेल होने तक ही सीमित नहीं है। 2018 मे वाहन चेकिंग के दौरान बीबीए छात्र को बेवजह थपड़ियाने का आरोप है, इन महानुभाव का एक कारनामा ये भी था कि इन्होंने एक रेस्टोरेंट संचालक को जबरन फंसाया और जिम संचालिका की सहायता राशि लेकर मदद की थी। घोर लापरवाह चौकी इंचार्ज की घोर लापरवाही का पानी जब सिर से ऊपर बहने लगा तो एसएसपी कलानिधि नैथानी को कार्रवाई का हंटर चलाना पड़ा। अब दरोगा जितेंद्र बालियान सस्पेंड कर दिए गए हैं, साथ ही कप्तान ने सख्त निर्देश भी दिया है कि यदि भविष्य मे वसुंधरा चौकी क्षेत्र मे लापरवाही दिखी तो संबंधित पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी के मुताबिक जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उसमे 1 वर्ष की नियुक्ति की अवधि में वसुंधरा चौकी क्षेत्र में कुल 121 दोपहिया और 30 चारपहिया वाहन चोरी हुए हैं। जिसके सापेक्ष में बरामदगी मात्र 5 वाहनों की है। उसमें भी सिर्फ एक ही उस चौकी/थाना क्षेत्र से बरामद है बाकी अन्य थाना क्षेत्रों से बरामद हुई है। एसएसपी ने इस लापरवाही के चलते इतनी भारी मात्रा में वाहन चोरी की घटनाओ को देखते हुए चौकी इंचार्ज जितेंद्र बालियान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही सभी चौकी इंचार्ज को हिदायत दी कि यदि इस तरह से यदि कोई विशेष अपराध उनकी चौकी क्षेत्र में निरंतर होता है तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।