DELHI ASSEMBLY ELECTION : संवेदनशील 3141 मतदान केंद्र, 147 वोटर 100 पार, जानें और तथ्य

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए यहां आठ फरवरी को होने वाले मतदान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। रणबीर सिंह ने कहा कि अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस बार के विधानसभा चुनाव में एक करोड़ 47 लाख 86 हजार 382 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 81,05,236 पुरुष और 66,80,277 महिला मतदाता शामिल हैं। जबकि 869 थर्ड जेंडर मतदाता भी मताधिकार का उपयोग करेंगे।

डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि अभी तक जुटाए गए आंकड़ों में 20,48,30 मतदाता 80 साल से ऊपर की आयु के मिले हैं। जबकि 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 147 निकलकर सामने आई है। कालीतारा (कलीतारा) मंडल नामक महिला मतदाता की आयु सबसे ज्यादा यानी करीब 110 साल पता चली है। वह दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में रहती हैं। विधानसभा चुनाव में 3875 मतदाता व्हील-चेयर पर पहुंचकर मताधिकार का उपयोग करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि मतदान को सुचारू ढंग से कराने के लिए 13,571 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जबकि 2688 कुल पोलिंग स्टेशन होंगे। 3141 मतदान केंद्र संवेदनशील मिले हैं। 144 मतदान केंद्र अति-संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं। इसी तरह 102 मतदान केंद्र ऐसे भी चिह्न्ति किए गए हैं जहां पर धन-बल और अन्य संदिग्ध या फिर आदर्श चुनाव आचार संहिता के खिलाफ काम होने की आशंका है।

संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि इस बाबत करीब 57 हजार जवान (38874 दिल्ली पुलिस और 19 हजार होमगार्ड) तैनात किए जाएंगे। जबकि मतदान वाले दिन 100024 अधिकारी/कर्मचारी मतदान केंद्रों पर ड्यूटी देंगे। मतदान और मतगणना वाले दिन की रिपोर्टिंग के लिए दिल्ली के 973 पत्रकारों ने विशेष-पास के लिए आवेदन किया था।

इनमें से 826 आवेदनों पर चुनाव आयोग की स्वीकृति मिल चुकी है। 117 आवेदन लंबित हैं। जबकि 9 मामलों में वैरीफिकेशन रिपोर्ट लंबित है। इसके अलावा 21 आवेदन विपरीत रिपोर्ट के चलते रद्द कर दिए गए हैं। देश में 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में कई स्थानों पर कम मतदान को राज्य चुनाव मुख्यालय सबक के तौर पर ले रहा है।

डॉ. सिंह ने बताया कि आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के चलते राज्य चुनाव मशीनरी घर-घर और गली-गली घूम रही है, ताकि इस बार किसी भी बहाने से कोई मतदाता मताधिकार के उपयोग से छूट न जाए।